


जम्मू-कश्मीर में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और फिर भारत-पाकिस्तान के बीच हुई सैन्य कार्रवाई को देखते हुए इस साल तीन जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती होगी। इसे देखते हुए 29-30 मई को जम्मू-कश्मीर दौरे पर गए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खुद अमरनाथ तीर्थयात्रा की तैयारियों के लिए सिक्योरिटी रिव्यू किया।
गृहमंत्री ने सुरक्षाबलों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। आतंकी हमला होने की आशंका के चलते इस बार अमरनाथ यात्रा के दोनों रूट पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 581 कंपनियां यानी 52 हजार से अधिक जवान तैनात होंगे। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान अलग होंगे।
आधा जून बीतने के बाद शुरू होगी तैनाती
सूत्रों ने बताया कि इसके लिए गृह मंत्रालय ने इसके लिए मंजूरी भी दे दी है। 581 कंपनियों में सबसे अधिक 219 कंपनियां सीआरपीएफ की, 143 बीएसएफ, 97 एसएसबी, 62 आईटीबीपी और 60 कंपनियां सीआईएसएफ की तैनात की जाएंगी। ये सारी कंपनियां जून मध्य के बाद दोनों रूटों की भौगोलिक स्थिति देखने समेत अपनी-अपनी पोस्ट पर तैनाती शुरू कर देंगी।
3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी यात्रा
सिक्योरिटी एजेंसियों ने बताया कि एक कंपनी में करीब 90 जवान होते हैं। इस हिसाब से 581 कंपनियों में 52 हजार 290 जवान यहां तैनात किए जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी नलिन प्रभात, सीआरपीएफ के डीजी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह और बीएसएफ के डीजी दलजीत सिंह चौधरी ने भी जम्मू-कश्मीर पहुंचकर अमरनाथ यात्रा के लिए सिक्योरिटी रिव्यू किया है। अमरनाथ यात्रा तीन जुलाई से नौ अगस्त तक चलेगी।