


अहमदाबाद में हाल ही में हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे के बाद केंद्र सरकार ने हवाई सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाया है। इस हादसे में 241 लोगों की जान चली गई थी, जब लंदन जा रहा विमान उड़ान भरते ही बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकरा गया और उसमें आग लग गई। इस दुखद घटना के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)–2025’ नाम से नए मसौदा नियम जारी किए हैं। इन नियमों का मकसद हवाई अड्डों के आसपास मौजूद उन ऊंची इमारतों, पेड़ों और संरचनाओं पर नियंत्रण पाना है जो विमानों के लिए खतरा बन सकती हैं।
नए मसौदा नियमों का नाम ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)-2025’ रखा गया है
केंद्र सरकार ने विमान हादसों को रोकने के लिए एक नया और सख्त कदम उठाया है। इसके तहत नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने ‘विमान (अवरोधों को गिराने के नियम)–2025’ नाम से नए मसौदा नियम जारी किए हैं। ये नियम राजपत्र में प्रकाशित होते ही लागू हो जाएंगे। इनका मुख्य उद्देश्य हवाई अड्डों के आसपास उन इमारतों, पेड़ों या किसी भी संरचना पर तुरंत कार्रवाई करना है जो निर्धारित ऊंचाई सीमा से अधिक हैं और विमानों की सुरक्षा में रुकावट बन सकती हैं। सरकार इस पहल को हवाई मार्गों में आने वाली बाधाओं को समय रहते हटाने और भविष्य की दुर्घटनाओं से बचाव के लिए एक सक्रिय और जरूरी कदम मान रही है।
मसौदा नियमों के तहत होगी यह कार्रवाई
अगर किसी इलाके में कोई इमारत, पेड़ या अन्य ढांचा तय की गई ऊंचाई से ज़्यादा पाया जाता है, तो उस क्षेत्र के ज़िम्मेदार अधिकारी की ओर से संपत्ति मालिक को नोटिस भेजा जाएगा। इसके बाद मालिक को 60 दिनों के अंदर उस संरचना से जुड़ा साइट प्लान, ऊंचाई की माप और बाकी ज़रूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे। अगर मालिक ये जानकारी तय समय में नहीं देता, तो अधिकारियों को उस ढांचे को गिराने या उसकी ऊंचाई कम करने का अधिकार होगा। यानी अब ऐसी खतरनाक ऊंची संरचनाओं पर सीधी और सख्त कार्रवाई की जा सकेगी।
अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की होगी अनुमति
इसके अलावा अधिकारियों को दिन के समय स्थल का निरीक्षण करने की अनुमति होगी, बशर्ते वो संपत्ति मालिक को पहले से सूचित करें। अगर संपत्ति मालिक सहयोग नहीं करता तो अधिकारी उपलब्ध जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई कर सकते हैं और मामला डीजीसीए को भेज सकते हैं। मसौदा नियमों के तहत यदि किसी ढांचे को हटाने या कम करने का आदेश दिया जाता है तो संपत्ति मालिक प्रथम या द्वितीय अपीलीय अधिकारी के समक्ष निर्धारित फॉर्म, आवश्यक दस्तावेज और एक हजार रुपये शुल्क के साथ अपील कर सकते हैं।
इसमें मुआवजे की भी रखी गई हैं शर्तें
इसमें मुआवजे की शर्तें भी रखी गई हैं। सिर्फ वो मालिक जिन्हें आधिकारिक आदेशों के अनुसार ढांचे को गिराने या संशोधित करने के लिए कहा गया है और जिन्होंने आदेश का पालन किया है, उन्हें भारतीय वायुवहन अधिनियम-2024 की धारा 22 के तहत मुआवजा दिया जाएगा। अधिसूचना की तिथि के बाद नियमों का उल्लंघन कर बनाए गए किसी भी ढांचे को मुआवजा नहीं मिलेगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इन मसौदा नियमों पर प्रकाशन के 20 दिनों के भीतर जनता से सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित की हैं।