


प्रधानमंत्री मोदी ने दाहोद में करीब 24,000 करोड़ रुपये की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने वेरावल और अहमदाबाद के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस और वलसाड और दाहोद स्टेशनों के बीच एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान उन्होंने विशाल जनसभा को संबोधित भी किया।
पीएम मोदी ने 'ऑपरेशन सिंदूर' का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये क्षेत्र मां भारती की, मानवता की रक्षा के लिए हमारे तप और त्याग को दर्शाता है। सोचिए, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने जो कुछ किया, क्या भारत चुप बैठ सकता है? क्या मोदी चुप बैठ सकता है? अगर कोई हमारी बहनों के सिंदूर को मिटाएगा, तो उसका भी मिटना तय हो जाता है। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं है। ये हम भारतीयों के संस्कारों और हमारी भावनाओं की अभिव्यक्ति है। आतंकवादियों ने 140 करोड़ भारतीयों को चुनौती दी थी। इसलिए मोदी ने वही किया, जिसके लिए देशवासियों ने मुझे प्रधान सेवक की जिम्मेदारी दी है।
उन्होंने कहा कि विभाजन के बाद नए-नए बने देश का एक ही लक्ष्य था- भारत से नफरत करना और हमारी प्रगति को रोकने की कोशिश करना, लेकिन हमारा एक ही लक्ष्य है- आगे बढ़ते रहना, गरीबी को खत्म करना और विकसित भारत का निर्माण करना। वास्तव में विकसित भारत तभी संभव है, जब हमारी सशस्त्र सेनाएं मजबूत हों और हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो। हम पूरी लगन और दृढ़ संकल्प के साथ लगातार उस दिशा में काम कर रहे हैं।