


प्रदेश में पराली जलाने से उत्पन्न वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया है।बोर्ड के निदेशक मंडल की 169वीं बैठक गुरुवार को आयोजित की गई। बैठक में धान एवं गेहूं की कटाई के पश्चात जलने वाली पराली से होने वाले प्रदूषण पर गहन चर्चा हुई। इसके समाधान के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। निदेशक मंडल की बैठक की अध्यक्षता विभाग के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष डॉ. नवनीत मोहन कोठारी ने की।
प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में किसान पराली न जलाएं इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। प्रमुख सचिव ने बताया कि इसके लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के लिए 8 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया है। प्रमुख सचिव डॉ. कोठारी ने पराली के वैकल्पिक उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश में स्थापित ताप विद्युत गृहों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अप्रैल के प्रथम सप्ताह में बैठक आयोजित करने का निर्देश दिए हैं। बैठक में कटाई के बाद बचे बायोमास के वैकल्पिक उपयोग पर कार्ययोजना तैयार किए जाना का निर्णय लिया गया।