


आज मौनी अमावस्या है। माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है। शास्त्रों में इस दिन मौन रहकर स्नान और दान करने का महत्व बताया गया है। इस दिन की प्रक्रिया के पालन से ग्रहों की शांति और दोषों का निवारण दोनों हो सकता है। इस बार मौनी अमावस्या पर ग्रहों का अद्भुत संयोग बन रहा है। इस अमावस्या पर शुक्र और गुरु में राशि परिवर्तन बन रहा है। सूर्य और चन्द्रमा में नक्षत्र परिवर्तन हो रहा है। अमृत का कारक शुक्र अपनी उच्च राशि में विद्यमान है।
कैसे करें दान-स्नान?
यदि मौनी अमावस्या पर आप पवित्र नदी में स्नान करने जा रहे हैं तो पहले घर से अच्छी तरह स्नान कर लें, फिर नदी में जाकर कम से कम तीन डुबकी लगाएं, नदी में शरीर मलना और साबुन का प्रयोग न करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें और देवी देवताओं पितरों का स्मरण करें, नदी से निकलकर वस्त्र धारण करें, अगर चाहें तो मंत्र जप, ध्यान या स्तुति करें। इसके बाद अपने सामर्थ्य अनुसार दान करें।
घर में कैसे करें पवित्र स्नान?
यदि आपके लिए किसी पवित्र में स्नान करना संभव नहीं है तो आप घर में ही पवित्र स्नान कर सकते हैं। इसके लिए प्रातः और संध्या काल दोनों समय स्नान करें तो उत्तम होगा, पहले बाल्टी में थोड़ा गंगाजल डालें। फिर इसमें पानी डालें। इसके बाद जल को सर पर लगाकर प्रणाम करें। फिर स्नान करना आरम्भ करें। स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें। मंत्र जाप करें या प्रभु की स्तुति करें। इसके बाद निर्थनों को अन्न या वस्त्र का दान करें।
मौनी अमावस्या पर क्या दान करें?
मौनी अमावस्या पर अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान अवश्य करना चाहिए। स्नान और पूजा के बाद निर्धनों को दान करना चाहिए। दान में अनाज, वस्त्र, काले तिल और गुड़ का दान करना उत्तम होगा, आप अन्य वस्तुएं भी श्रद्धानुसार दान कर सकते हैं।