


प्रदेश में इस बार दक्षिण-पश्चिम मानसून अपने तय समय (15 जून) पर प्रदेश में पूर्वी क्षेत्र से दस्तक दे सकता है। प्रवेश करने के पांच दिन में मानसून के पूरे प्रदेश में छा जाने की भी संभावना जताई गई है। मध्यप्रदेश में मानसून की वर्षा सामान्य से अधिक होने की भी उम्मीद जताई है। बता दें कि पिछले वर्ष प्रदेश में मानसून छह दिन की देरी से 21 जून को आया था।भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस बार देश में मानसून का प्रवेश चार दिन पहले अर्थात 27 मई तक होने का अनुमान लगाया है।इस हिसाब से 15 से 18 दिन में मानसून के मप्र में प्रवेश करने के आसार हैं। प्रदेश में मानसून आने की सामान्य तारीख 15 जून है।हालांकि पिछले कुछ वर्षों से मानसून की प्रदेश में एंट्री 18 जून के बाद ही हुई है।यदि देश में मानसून जल्दी आता है, तो प्रदेश में भी इसके तय समय पर आने की संभावना है।
पिछले वर्ष दक्षिण-पश्चिम मानसून ने 21 जून को प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र पांर्ढुना, सिवनी, बालाघाट, मंडला, डिंडौरी और अनूपपुर जिलों में प्रवेश किया था।इस बार भी इन्हीं जिलों से मानसून के प्रवेश की संभावना बताई जा रही है।
सामान्य से अधिक होगी बारिश
प्रदेश में इस बार मानसून के सामान्य से बेहतर रहने की उम्मीद है।
जबलपुर-शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा वर्षा संभावित है।
जबकि ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन और भोपाल संभाग में भी वर्षा का कोटा फुल हो सकता है।