सावन का महीना अब समाप्ति की ओर बढ़ रहा है। हिंदू धर्म में सावन मास को भगवान शिव का अत्यंत प्रिय माना जाता है। पुराणों में भी सावन के महीने को बहुत महत्व दिया गया है। इस मास में आने वाले सोमवार विशेष फलदायी माने जाते हैं क्योंकि ये दिन भगवान शिव को समर्पित होते हैं। कहा जाता है कि सावन के सोमवारों में किए गए उपासना और पूजा के फल कई गुना बढ़ जाते हैं। सावन मास में चार सोमवार आते हैं जिनमें से तीन सोमवार अब बीत चुके हैं। अभी केवल एक ही सोमवार बचा है जो इस मास का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण सोमवार होगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से विशेष कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
इस साल सावन का समय
इस वर्ष सावन की शुरुआत 11 जुलाई से हुई थी और यह मास 9 अगस्त तक रहेगा। सावन के इस पूरे महीने में चार सोमवार पड़ते हैं। पहला, दूसरा और तीसरा सोमवार अब बीत चुका है। इस महीने का चौथा और आखिरी सोमवार 4 अगस्त को है जो सावन मास का अंतिम और सबसे शुभ सोमवार भी है।
चौथा श्रावण सोमवार कब है?
सावन का चौथा और आखिरी सोमवार इस साल 4 अगस्त को पड़ रहा है। यह दिन भगवान शिव को खुश करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इस दिन कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें सर्वार्थ सिद्धि योग भी शामिल है। इसके अलावा, 4 अगस्त को सावन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि भी है, जो इस दिन को और भी ज्यादा पावन और खास बनाती है।
सावन के आखिरी सोमवार का महत्व
सिर्फ पूजा-पाठ ही नहीं, सावन के अंतिम सोमवार को विधि-विधान से किए गए उपवास और अभिषेक से भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। ऐसा करने से न केवल इस दिन बल्कि पूरे वर्ष सुख-समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है।
इस दिन किए गए धार्मिक कर्मों से व्यक्ति का मन और जीवन दोनों ही शुद्ध हो जाते हैं। साथ ही, भगवान शिव की आशीष से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और सभी कार्य सफल होते हैं।