


प्लेटलेट्स की कमी, जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है, एक गंभीर स्थिति हो सकती है। इसके लक्षणों में त्वचा पर लाल या जामुनी रंग के निशान, नाक और मसूड़ों से खून आना, लंबे समय तक घावों से खून बहना, और मासिक धर्म में अत्यधिक रक्तस्राव शामिल हैं। इस स्थिति के कारणों में आयरन की कमी, ल्यूकेमिया, गर्भावस्था, और कुछ दवाओं का प्रभाव शामिल हो सकता है। एक स्वस्थ व्यक्ति के खून में 1,50,000 से 4,50,000 प्रति माइक्रोलिटर होनी चाहिए। अगर यह संख्या इससे कम हो जाए तो खून बहने की समस्या हो सकती है। प्लेटलेट्स डाउन होने पर शरीर में कई तरह के संकेत दिखते हैं, जिसपर ध्यान देकर आप समय पर इलाज शुरू करा सकते हैं।
स्किन का रंग नीला दिखना
बिना किसी चोट के शरीर के किसी हिस्से पर पर नीले, बैंगनी या काले निशान दिखना प्लेटलेट्स की कमी का पहला और आम लक्षण हो सकता है। ये निशान खून के त्वचा के नीचे जमने से बनते हैं, जो दर्शाता है कि शरीर में खून जमाने की क्षमता कम हो रही है।
स्किन पर छोटे-छोटे लाल दाने नजर आना
खून में प्लेटलेट्स कम होने पर स्किन पर छोटे-छोटे दाने नजर आते हैं। ये दाने आमतौर पर पैरों, टांगों या शरीर के निचले हिस्सों में दिखाई देते हैं। ये छोटे-छोटे लाल या जामुनी रंग के धब्बे होते हैं, जो त्वचा के नीचे सूक्ष्म रक्तस्राव के कारण बनते हैं। इन्हें अक्सर लोग चकत्ते या एलर्जी समझकर नजरअंदाज कर देते हैं।
नाक और मसूड़ों से खून आना
यदि बिना किसी कारण के अक्सर नाक से खून बहने लगे या ब्रश करते समय मसूड़ों से खून आ जाए, तो यह प्लेटलेट्स की कमी का संकेत हो सकता है। सामान्य स्थिति में ये अंग जल्दी खून नहीं बहाते, लेकिन प्लेटलेट्स कम होने पर शरीर में रक्तस्राव को रोकने की क्षमता घट जाती है।
थकान और कमजोरी
शरीर में प्लेटलेट्स की कमी से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित होती है। इसका सीधा असर शरीर की ऊर्जा पर पड़ता है, जिससे व्यक्ति हर समय थका-थका महसूस करता है, चाहे उसने ज्यादा मेहनत न भी की हो। यह लक्षण गंभीर बीमारी का भी संकेत हो सकता है।