


सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR की मांग वाली याचिका सुनवाई से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग वाली एक पीआईएल पर सुनवाई करने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि अभी यह मामला शुरुआती दौर में है।
याचिका में आरोप लगाया गया था कि जस्टिस वर्मा के आधिकारिक आवास पर अवैध नकदी मिलने के मामले में उचित कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने कहा कि यह मामला अभी प्रारंभिक अवस्था में है, क्योंकि चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के निर्देश पर तीन जजों की एक समिति द्वारा इन-हाउस जांच चल रही है। इसलिए इस स्तर पर अदालत का हस्तक्षेप अनुचित होगा। कोर्ट ने कहा कि हम इस स्तर पर हस्तक्षेप नहीं कर सकते। पहले इन-हाउस जांच प्रक्रिया पूरी होने दें, उसके बाद सभी विकल्प खुले रहेंगे।"
जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी आवास पर कुछ दिन पहले आग लगी थी। इसी दौरान उनके घर में जले हुए कैश के मिले थे। इस जले कैश का वीडियो सुप्रीम कोर्ट ने जारी भी किया था। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस वर्मा का ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया था। हालांकि, मामले के काफी तूल पकड़ लिया है। बार एसोसिएशन से लेकर राजनेताओं ने भी इस मामले को लेकर काफी टिप्पणी की है।