


इंदौर की महारानी देवी अहिल्या ने देशभर के कई घाट, मंदिर, धर्मशालाएं बनवाई, लेकिन उनकी स्मृति में कोई बड़ा स्मारक अब तक नहीं सका। इसकी पहल पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की है। लालबाग परिसर की रामपुरा कोठी के तीन एकड़ हिस्से में यह स्मारक आकार लेगा।
कोठी में मराठों का इतिहास झलकेगा और डिजिटल प्रदर्शनी वहां लगेगी। इस स्मारक की लागत 100 करोड़ रहेगी। पहले चरण में 40 करोड़ रुपये खर्च किएजाएंगे। इस स्मारक का प्रेजेंटेशन मुख्यमंत्री मोहन यादव के समक्ष दियागया। स्मारक के लिए उद्योगपति विनोद अग्रवाल ने पांच करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट की जानकारी प्राप्त करने के बाद कहाकि मध्य प्रदेश शासन स्मारक में सहयोग करेगा और शेष राशि के लिए हम केंद्रसरकार से भी मदद लेने का प्रयास करेंगे।
तीन एकड़ जमीन मिली है ट्रस्ट को
स्मारक के लिए एक ट्रस्ट बनाया गया है। जिसकी अध्यक्ष सुमित्रा महाजन है। ट्रस्ट को दो साल पहले रामपुरा कोठी व आसपास की तीन एकड़ जमीन सौंपी गई। स्मारक के लिए देशभर के आर्किटेक्ट की राय ली गई। होलकर शासनकाल की रामपुरा कोठी की मरम्मत पहले चरण में होगी और परिसर को विकसित किया जाएगा। एक भव्य गेट बनाया जाएगा। पहले चरण का काम 40 करोड़ की लागत से होगा। इसके बाद अगले चरण में 60 करोड़ की लागत से नई बिल्डिंग बनाई जाएगी।