


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मेडिकल टूरिज्म एक उभरता हुआ सेक्टर है। प्रदेश में मेडिकल टूरिज्म की असीम संभावनाएं हैं। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आयुष विभाग भी इस क्षेत्र में भागीदारी करें। प्रदेश के हर पर्यटन स्थल, धार्मिक एवं आध्यात्मिक महत्व के स्थलों के आसपास वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएं, इससे यहां आने वाले पर्यटक आयुष विभाग की प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति और पंचकर्म सुविधा का भी लाभ ले सकेंगे। सीएम डॉ मोहन यादव मंत्रालय में आयुष विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आयुष मिशन में प्रदेश में जहां-जहां नए आयुर्वेद महाविद्यालय स्थापित किए जाने हैं, इन्हें प्रारंभ करने के लिए तेज एवं प्रभावी कार्रवाई की जाएं। स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग आपसी समन्वय और तालमेल से काम करें और अधिक से अधिक मरीजों को अपनी-अपनी चिकित्सा पद्धतियों से उपचार का लाभ दें। उन्होंने कहा कि दोनों ही विभाग रोजगारपरक शिक्षा की ओर बढ़ें, ताकि प्रदेश को अधिकाधिक डॉक्टर्स और आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी मिले।
सीएम ने आयुष विभाग द्वारा 543 से अधिक आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी, 36 होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी, 14 यूनानी चिकित्सा अधिकारी, 65 आयुर्वेद व्याख्याता और 150 से अधिक पैरामेडिकल स्टॉफ, संविदा डाटा एंट्री ऑपरेटर की पोस्टिंग की जानकारी मिलने पर विभागीय अधिकारियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब आयुष के डॉक्टर्स गांव-गांव में उपलब्ध हो रहे हैं। बिना किसी डिग्री के क्लीनिक चलाकर और घर-घर जाकर भोले-भाले ग्रामीण मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ करने वाले झोलाछाप डॉक्टर पर सख्ती से अंकुश लगाने के निर्देश दिए।
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंचे आयुष विभाग की सेवाएं
नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और पारम्परिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। देश और प्रदेश में आयुर्वेदिक उपचार पद्धति की ओर लोगों का रुझान निरंतर बढ़ रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए आयुष विभाग की अपनी सभी चिकित्सा प्रणालियों यथा आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी एवं प्राकृतिक चिकित्सा के विस्तार के लिए जरूरी मानव संसाधन की पूर्ति कर अपनी व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करें।
मुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि जनमानस में आयुष पद्धति के प्रति विश्वास और बढ़े, इसके लिए जन जागरूकता अभियानों को तेज किया जाए तथा आयुष सेवाओं की पहुंच दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तक भी सुनिश्चित की जाएं। उन्होंने कहा कि जिन आयुर्वेदिक महाविद्यालय को हम निकटतम बड़े विश्वविद्यालय से जोड़ सकते हैं, उन्हें जोड़ने की कार्रवाई केंद्र सरकार के निर्देशानुसार करें। क्यों कि क्षेत्रीय बहुउद्देशीय विश्वविद्यालय से शिक्षा एवं उपचार की सभी पद्धतियों के महाविद्यालयों के लिंक होने पर अध्ययन और अध्यापन दोनों में सुविधा होगी।
प्रकृति परीक्षण अभियान में मध्यप्रदेश देश में 5वें स्थान पर
आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘देश का प्रकृति परीक्षण’ अभियान लांच किया है। इस अभियान में प्रदेश में तेजी से कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि अब तक 8.50 लाख से अधिक परीक्षण किए जा चुके हैं। इस मामले में मध्यप्रदेश देश में 5वें स्थान पर रहा है।
खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना की तैयारी
छतरपुर जिले के खजुराहो में योग संस्थान की स्थापना के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का यह प्रस्ताव केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद में विचारार्थ है। छतरपुर कलेक्टर ने योग संस्थान के लिए खजुराहो के पास ग्राम खर्रोही में 25 एकड़ भूमि आयुष विभाग को आवंटित कर दी है। इस भूमि का केंद्र सरकार निरीक्षण भी कर चुकी है। जल्द ही इस पर अगली कार्यवाही होनी है। इसके साथ ही खजुराहो में ही इंटर यूनिवर्सिटी सेन्टर फॉर योगिक साइंस की स्थापना का प्रस्ताव भी विचाराधीन है।
उज्जैन में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए प्रयास तेज
प्रमुख सचिव ने बताया कि उज्जैन जिला मुख्यालय में केंद्र सरकार के सहयोग से अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना के लिए मध्यप्रदेश राज्य के चयन के लिए केंद्र सरकार में प्रस्ताव विचाराधीन है। केंद्र सरकार ने ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट के तहत प्रस्ताव मांगा है। राज्य सरकार ने प्रस्ताव भेज दिया है।
MP में बनेंगे 11 नए आयुर्वेद महाविद्यालय
प्रदेश में 11 नए आयुर्वेद महाविद्यालय खोले जाने हैं। इसमें डिंडोरी जिले में आयुर्वेद महाविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव भी शामिल है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन योजना के तहत भोपाल में 50 बिस्तरीय और नरसिंहपुर में 30 बिस्तरीय नए आयुर्वेद चिकित्सालय का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि आयुष विभाग 4 तरह के जन स्वास्थ्य कार्यक्रम चला रहा हैं। इसमें आयुर्विज्ञान कार्यक्रम में अब तक 85 हजार 243 विद्यार्थियों को शिक्षा दी गई। सुप्रजा कार्यक्रम में 24 हजार 442 गर्भवती माताओं को लाभान्वित किया गया है। वयो मित्र कार्यक्रम में 17 हजार 975 वृद्धजनों को लाभान्वित किया गया है। इसी तरह व्यातव्याधि, जोड़ एवं संधि रोग निवारक कार्यक्रम के तहत अब तक 26 हजार 153 से अधिक मरीजों का इलाज किया गया।