


मध्य प्रदेश में इन दिनों राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। एक ओर जहां बीजेपी अपने नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश में जुटी हुई है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने संगठन सृजन अभियान की शुरुआत कर दी है। इस अभियान की शुरूआत 3 जून को राहुल गांधी ने भोपाल में की। इस पहल के अंतर्गत प्रदेश में नए जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की जानी है, जिसे लेकर कांग्रेस संगठन सक्रिय हो गया है। संगठनात्मक मजबूती को ध्यान में रखते हुए अब पार्टी जमीनी स्तर पर नए नेतृत्व की तलाश कर रही है।
इस प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 165 ऑब्जर्वर्स नियुक्त किए हैं। ये सभी ऑब्जर्वर्स राज्य के 55 जिलों में जाकर वहां की संगठनात्मक स्थिति का जायजा लेंगे और जिला एवं ब्लॉक अध्यक्ष पदों के लिए उपयुक्त कार्यकर्ताओं की पहचान करेंगे। तीन-तीन सदस्यों की टीमें जिले में जाकर पार्टी की स्थिति की थाह लेंगी और जानने की कोशिश करेंगी कि वहां संगठन की मजबूती या कमजोरी के पीछे क्या कारण हैं। इन्हें पार्टी की प्रदेश इकाई (पीसीसी) द्वारा नियुक्त किया गया है।
कई बड़े नेता मीटिंग में हुए थे शामिल
रविवार को प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ने इन ऑब्जर्वर्स के साथ वर्चुअल मीटिंग की, जिसमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार भी शामिल हुए। मीटिंग में चौधरी ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले से जिला अध्यक्ष पद के लिए छह नामों का पैनल तैयार किया जाए, जिनमें एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक और महिला कार्यकर्ता अवश्य शामिल हों।इसके अतिरिक्त दो और नामों को भी बाद में जोड़ा जाएगा, ताकि चयन प्रक्रिया में व्यापकता बनी रहे और सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।