


इंदौर से डेढ़ सौ किलोमीटर दूरी पर स्थित बाग तहसील के चार गांवों में डायनासोर नेशनल पार्क बनाने की योजना पर सरकार काम कर रही है। इसके लिए हाल ही में संभागायुक्त ने एक बैठक भी ली थी। जिसमें इसकी योजना पर काम हुआ। इस पार्क में सियार, लोमड़ी जैसे वन्य जीव होंगे और शीशम, नीम, आंवला सहित अन्य प्रजातियों के पेड़ होंगे। दरअसल मांडव और बाग के आसपास के गांवों में पहले डायनासोर के अंडे व उनकी हड्डियों के जीवशम मिल चुके है। एक छोटा डायनासोर पार्क मांडू के समीप भी बनाया गया है।
बाग तहसील में पार्क बनाने की मंशा इसलिए भी है,क्योकि सालभर में 15 हजार से ज्यादा पर्यटक बाग की गुफाएं देखने आते है। इस पार्क के समीप बड़केश्वर मंदिर, हनुमान मंदिर भी है। इसके अलावा पर्यटक आदिवासी लोक कला व उनकी संस्कृति से भी रुबरु हो सकेंगे। अफसरों को उम्मीद है कि पार्क के विकसित होने के बाद पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी और आदिवासी परिवारों को रोजगार भी मिलेगा। बाग का ब्लूप्रिंट पूरे देश में मशहूर है।
पर्यटकों की दृष्टि से भी यह पार्क सबको लुभाएगा। इस क्षेत्र में घूमने का सबसे श्रेष्ठ समय अक्टूबर से लेकर दिसम्बर तक का होता है। उस समय तीन-चार गुना अधिक पर्यटक आतें हैं। वीकेंड पर भी संख्या बढ़ जाती है।
संभागायुक्त ने बताया कि डायनोसोर नेशनल पार्क को बनाते समय इस बात का पूरा ध्यान रखा जायेगा कि जनजातीय समाज के अधिकारों का हनन नहीं हो। क्योंकि इस क्षेत्र में जनजातीय समाज बहुसंख्यक में है। इसलिये उनकी परम्परा, त्यौहार, उत्सव आदि का विशेष ध्यान रखा जाएगा। पार्क के समीप ऐसी गतिविधियां चलाई जायेगी जिससे प्रकृति को भी नुकसान नहीं पहुंचे और जनजातीय समाज को भी रोजगार मिल सके।