


आयुष मंत्रालय आज दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में ‘योगा कनेक्ट 2025’ नामक एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करेगा। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पहले एक अहम कार्यक्रम है। इसका उद्देश्य दुनियाभर के योग विशेषज्ञों, स्वास्थ्य विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और वेलनेस समुदायों को एक मंच पर लाना है। बता दें कि सम्मेलन की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” है। केंद्रीय योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान परिषद (CCRYN) द्वारा समन्वित इस आयोजन से योग के बीते दस वर्षों के प्रभाव को समझने और आगे की दिशा तय करने के लिए किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में भारत और विदेशों से 1,000 से अधिक लोग हिस्सा लेंगे, जिनमें कुछ वर्चुअली जुड़ेंगे। अमेरिका, ब्रिटेन, बहरीन और दक्षिण कोरिया सहित चार से अधिक देशों के विशेषज्ञ इस सम्मेलन में भाग लेंगे। सम्मेलन की प्रमुख उपलब्धि ‘योग प्रभाव’ (Yoga Prabhava) रिपोर्ट का विमोचन होगा, जो CCRYN द्वारा तैयार की गई एक राष्ट्रीय स्तर की अध्ययन रिपोर्ट है।
यह रिपोर्ट अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के पिछले 10 वर्षों के प्रभाव को दर्शाएगी और शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए महत्वपूर्ण होगी। इसके अतिरिक्त तीन महत्वपूर्ण ज्ञान सामग्री भी लॉन्च की जाएंगी। योग पर दशक भर के प्रभाव की ई-बुक, योग अनुसंधान पर वैज्ञानिक विश्लेषण रिपोर्ट और ‘भारतीय वृक्ष वैभवम्’ नामक पुस्तिका, जिसमें देशी पेड़ों के महत्व को दर्शाया गया है।
सम्मेलन के दौरान कई विषयगत सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें गैर-संक्रामक रोगों की रोकथाम में योग की भूमिका, कॉमन योग प्रोटोकॉल और IDY के प्रभाव पर अध्ययन, योग-टेक नवाचार, सभी के लिए योग, महिलाओं के स्वास्थ्य में योग की भूमिका तथा योग का वाणिज्य और उद्योग से जुड़ाव जैसे विषय शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम में बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, एच.आर. नागेन्द्र, भिक्षु संघसेना और भारत भूषण जैसे कई प्रसिद्ध योगाचार्य भाग लेंगे। ‘योगा कनेक्ट’ भारत के वैश्विक योग आंदोलन के 10 वर्षों की यात्रा को चिन्हित करता है, जिसकी शुरुआत 2014 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किए जाने के साथ हुई थी। यह आयोजन भारत द्वारा दुनिया को दिए गए योग के संदेश स्वास्थ्य, संतुलन और एकता को और आगे बढ़ाने का माध्यम बनेगा।