


मध्य प्रदेश में कामकाजी महिलाओं के लिए अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में कामकाजी महिलाओं की सुविधा के लिए अहम फैसला लिया है। अब प्रदेश के सभी शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक हॉस्टल बनाए जाएंगे। इसके साथ ही मिशन शक्ति के तहत संचालित 'सखी-निवास' सुविधा का विस्तार औद्योगिक क्षेत्रों तक किया जाएगा, ताकि वहां काम करने वाली महिलाओं को आवास की समस्या से भी राहत मिल सके। आंगनबाड़ी के बच्चों के पोषण का ध्यान रखते हुए मुख्यमंत्री ने दुग्ध संघों को उन्हें दूध उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं। कामकाजी महिलाओं को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराने और बच्चों के पोषण स्तर को सुधारने में यह कदम अहम साबित होगा।
सभी शहरों में बनेंगे हॉस्टल
दरअसल, प्रदेश में कामकाजी महिलाओं को सुविधा और सुरक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने हर शहर में हॉस्टल बनाने के निर्देश दिए हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि मिशन शक्ति के तहत संचालित "सखी-निवास" योजना का विस्तार औद्योगिक क्षेत्रों में भी किया जाए। इससे महिला श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक सुरक्षित आवास मिल सकेगा। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब दुग्ध संघों के माध्यम से दूध उपलब्ध कराया जाएगा।
सीएम मोहन ने दिए निर्देश
महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम मोहन ने निर्देश दिए कि महिलाओं और बच्चों को अच्छा स्वास्थ्य, शारीरिक विकास और पोषण मिले। इसके लिए महिला एवं बाल विकास, स्वास्थ्य और आयुष विभाग मिलकर योजना बनाकर उसका क्रियान्वयन करेंगे। आंगनबाड़ी भवनों के लिए शहरों और पंचायतों से मदद ली जाएगी।
नौकरी के लिए ट्रेनिंग
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि राज्य की कामकाजी महिलाओं को शहरों में रहने के लिए हॉस्टल मिलना चाहिए। जिन क्षेत्रों में महिला कर्मचारी अधिक हैं, वहां सखी निवास भी शुरू किए जाने चाहिए। लड़कियों और महिलाओं को रोजगार के लिए ट्रेंनिंग दिया जाएगा।