


वरिष्ठ IPS अधिकारी और एडिशनल डीजी राजा बाबू सिंह को जीवाजी क्लब ग्वालियर का नया चेयरमैन बनाया गया है। यह निर्णय क्लब के प्रबंधन द्वारा लिया गया है, इनका कार्यकाल 4 मई 2025 को औपचारिक रूप से लागू होगा।जीवाजी क्लब ग्वालियर एक ऐतिहासिक क्लब है, जो न केवल ग्वालियर बल्कि पूरे एमपी में एक प्रतिष्ठित संस्थान के रूप में जाना जाता है। इसके सदस्यों में प्रमुख व्यक्तित्व, प्रशासनिक अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के लोग शामिल होते हैं।राजा बाबू सिंह 1992 में अयोध्या गए थे, जब उन्होंने रामलला के दर्शन किए और एक पूजा ईंट समर्पित की थी। उस समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र थे और UPSC की तैयारी कर रहे थे। वह वीएचपी द्वारा आयोजित कार्यक्रम के तहत अयोध्या गए थे, जहां उन्होंने राम मंदिर निर्माण की प्रार्थना की थी।
1994 बैच के IPS अधिकारी राजा बाबू सिंह का करियर
राजा बाबू सिंह 1994 बैच के IPS अधिकारी हैं और वर्तमान में बीएसएफ (BSF) के आईजी (IG) ट्रेनिंग पद पर दिल्ली में तैनात हैं। इससे पहले वह बीएसएफ के आईजी रहे हैं। उनके करियर में इंडो तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP), अरुणाचल और मणिपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है।उनके कार्यकाल में श्रीनगर शहर में 20 किमी लंबी साइकिल तिरंगा रैली आयोजित की गई, जो चर्चा का विषय बनी। इसके अलावा ADG ग्वालियर के पद पर रहते हुए उन्होंने हजारों भागवत गीता की प्रतियां वितरित की थीं।
2027 में रिटायरमेंट के बाद अयोध्या में सेवा
राजा बाबू सिंह ने अपनी योजना के बारे में बताते हुए कहा कि वह 2027 में जब सरकारी सेवा से रिटायर होंगे, तो उनका लक्ष्य अयोध्या में राम भक्तों की सेवा करना होगा। उनका सपना है कि वह अपने जीवन के इस नए अध्याय में भगवान श्री राम की भव्य मंदिर में अपनी सेवा समर्पित करें।
सख्त निर्णयों के लिए जाने जाते हैं राजा बाबू सिंह
बांदा जिले के पचनेही कस्बे के रहने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजा बाबू सिंह ने बीएसएफ आईजी के रूप में अपनी प्रतिनियुक्ति पूरी करने के बाद फरवरी 25 में मध्यप्रदेश में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के पद पर वापसी की है। राजा बाबू सिंह अपनी ईमानदारी, सख्त प्रशासनिक निर्णयों और अनुशासनप्रियता के लिए जाने जाते हैं। बीएसएफ में आईजी रहते हुए उन्होंने सीमाओं की सुरक्षा और आंतरिक प्रशासन को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी कार्यशैली को हमेशा सराहा गया और अब मध्यप्रदेश पुलिस में उनकी वापसी से प्रदेश की कानून-व्यवस्था को और मजबूती मिलेगी।गौरतलब है कि राजा बाबू सिंह ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और उनकी प्रशासनिक क्षमता तथा जनसेवा के प्रति समर्पण के चलते उन्हें देशभर में सम्मान प्राप्त हुआ है।
ग्वालियर में जीवाजी क्लब का महत्व
जीवाजी क्लब ग्वालियर का सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन में अहम स्थान है। यह क्लब न केवल एक मनोरंजन केंद्र है, बल्कि यह ग्वालियर और आसपास के क्षेत्रों में विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक और खेल कार्यक्रमों का आयोजन करता है। इसके माध्यम से क्लब के सदस्य समाज के विभिन्न वर्गों से जुड़ते हैं और मिलकर विभिन्न गतिविधियों में भाग लेते हैं।राजा बाबू सिंह के नेतृत्व में क्लब को और अधिक समृद्धि की उम्मीद है। उनकी प्रशासनिक क्षमता और नेतृत्व में क्लब की व्यवस्थाओं में सुधार और नए कार्यक्रमों की शुरुआत हो सकती है।