


मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के अंतर्गत आने वाले डॉ. आंबेडकर नगर (महू) के सैन्य क्षेत्र में पहली बार तीनों सेनाओं के संयुक्त मंच पर युद्ध, युद्धकला और युद्ध संचालन को लेकर गहन मंथन आज से शुरू हो गया है। आर्मी वॉर कॉलेज में 2 दिवसीय रण संवाद-2025 में देश-विदेश के सैन्य अधिकारी, रक्षा विशेषज्ञ और सुरक्षा पेशेवर शामिल हुए हैं। इसमें आधुनिक युद्ध पद्धति में नवाचार, नई तकनीक की भूमिका और वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए एक साझा रणनीति तैयार होगी। आयोजन को लेकर पुलिस ने सख्त सुरक्षा घेरा तैयार किया है।
इंदौर ग्रामीण एएसपी के अनुसार, 6 डीएसपी के नेतृत्व में 300 से अधिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं। साथ ही धार, खंडवा, बड़वानी समेत अन्य जिलों से पुलिस बल बुलाया गया है। विशेष पुलिस बल की तैनाती के साथ 25 अगस्त से महू को नो-फ्लाई जोन घोषित किया है।
नेता और सैन्य प्रमुख भी मौजूद
सोमवार शाम सीडीएस जनरल अनिल चौहान महू पहुंचे। मंगलवार शाम करीब रक्षामंत्री राजनाथ सिंह इंदौर एयरपोर्ट से महू पहुंचेंगे। भारतीय वायुसेना के प्रशिक्षण कमान के एओसी-इन-सी एयर मार्शल तेजिंदर सिंह ने 'युद्ध को प्रभावित करने वाली उभरती प्रौद्योगिकियों की पहचान' विषय पर व्याख्यानदिया और नवीन प्रौद्योगिकियों, विशेष रूप से एआई और एमएल, साइबर, कवांटम, अंतरिक्ष और प्रति-अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, डीईडब्ल्यू और हाइपरसोनिक्स तथा उन्नत सामग्रियों के माध्यम से सूचनात्मक श्रेष्ठता प्राप्त करने के महत्व पर प्रकाश डाला।
सुदर्शन सहित मिसाइल प्रणाली पर मंथन
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने 'युद्ध पर प्रौद्योगिकी का प्रभाव' विषय पर मुख्य भाषण दिया। उन्होनें कहा कि भविष्य के युद्धक्षेत्र सेवा सीमाओं को नहीं पहचानेंगे, रक्षा और एकीकृत रसद में आत्मनिर्भरता द्वारा सक्षम, सभी क्षेत्रों में त्वरित और निर्णायक संयुक्त प्रतिक्रियाओं का आह्वान किया। सीडीएस ने मजबूत नागरिक-सैन्य एकीकरण के लिए सुदर्शनचक्र पर जोर देते हुए, युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में क्षमताओं के विकास पर जोर दिया।