


दक्षिणी ईरान के शाहिद राजाई बंदरगाह पर शनिवार को एक भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें 18 लोगों की मौत और करीब 750 लोग घायल हो गए। शुरुआती रिपोर्टों के मुताबिक, विस्फोट मिसाइल प्रणोदक (रॉकेट फ्यूल) बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की एक खेप से जुड़ा था। हादसे के कुछ घंटों बाद भी आग पर काबू पाने के लिए हेलीकॉप्टरों से पानी की बौछार की जा रही है। विस्फोट ऐसे समय हुआ जब ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधि ओमान में परमाणु वार्ता के तीसरे दौर के लिए मिले थे। हालांकि अब तक ईरानी अधिकारियों ने इसे किसी बाहरी हमले का परिणाम नहीं बताया है।
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि देश की सुरक्षा सेवाएं "वैध प्रतिक्रिया" के वास्ते हाई अलर्ट पर हैं। गृह मंत्री एस्कंदर मोमेनी ने सरकारी मीडिया को बताया कि विस्फोट से बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और कई कंटेनरों में भी आग लग गई। निजी सुरक्षा कंपनी एम्ब्रे के अनुसार, शाहिद राजाई बंदरगाह पर मार्च में "सोडियम परक्लोरेट" की खेप आई थी, जिसका उपयोग ठोस रॉकेट ईंधन बनाने के लिए किया जाता है। माना जा रहा है कि यह खेप चीन से आई थी और इसका मकसद गाजा युद्ध के दौरान मिसाइल भंडार को फिर से भरना था।