


भारतीय जनता पार्टी की सीनियर नेत्री और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी के सोमवार को कहा कि, नरेन्द्र मोदी सरकार का मुख्य लक्ष्य 2047 तक भारत को ‘विकसित राष्ट्र’ में बदलना है और इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए उभरते क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने आगे अपने बयान में कहा कि, भारत ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी राजकोषीय रूप से विवेकपूर्ण नीतियों का पालन किया था और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद राजकोषीय अपव्यय पर नियंत्रण रखा था।
हमारा राजकोषीय घाटा बढ़ गया था
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सीतारमण के हवाले से कहा कि, कोविड-19 महामारी के दौरान हमारा राजकोषीय घाटा बढ़ गया था। लेकिन 2021 में, हमने स्पष्ट संकेत दिया कि हम अपने राजकोषीय घाटे को कैसे प्रबंधित करना चाहते हैं। हमने सालाना लक्ष्य बनाए और 2026 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम हर साल बिना चूके इसी का पालन कर रहे हैं।
2047 तक भारत को 'विकसित राष्ट्र' बनाना
वित्त मंत्रालय ने आगे कहा कि, केंद्र की मोदी सरकार 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से काम कर रही है। इसके साथ ही उन्होंने आगे यह भी कहा कि, हमारी सरकार का प्राथमिक ध्यान 2047 तक ‘विकसित भारत’ पर है और प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि इसे चार मुख्य वर्गों - महिलाओं, गरीबों, युवाओं और किसानों पर ध्यान देकर हासिल किया जा सकता है।
भारत का ध्यान ‘उभरते क्षेत्रों’ पर भी है
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, भारत का ध्यान ‘उभरते क्षेत्रों’ पर भी है, जो हमारी क्षमता निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं तथा डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) जैसे क्षेत्रों पर भी है, जहां भारत वैश्विक अगुवा के रूप में उभरा है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी भारत के लिए हर अवसर खोलने के लिए सुशासन को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं, चाहे वह नई प्रौद्योगिकी हो, कौशल, उद्यमिता, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रतिबद्धताएं हों और उन्हें समय के भीतर पूरा किया जा रहा है।