


दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की हाल ही में खोली गई वसीयत में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। उन्होंने अपनी संपत्ति का एक तिहाई हिस्सा यानी लगभग 500 करोड़ रुपए मोहिनी मोहन दत्ता को देने का निर्णय लिया है, एक ऐसी शख्सियत जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इस रहस्योद्घाटन ने टाटा परिवार समेत सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है।
मोहिनी मोहन दत्ता जमशेदपुर के निवासी ट्रैवल सेक्टर में सक्रिय हैं। उनकी परिवारिक कंपनी स्टैलियन ट्रैवल एजेंसी का 2013 में ताज सर्विसेज में विलय हुआ, जो ताज ग्रुप ऑफ होटल्स का हिस्सा है। स्टैलियन में दत्ता परिवार की 80% हिस्सेदारी थी, जबकि शेष 20% हिस्सेदारी टाटा इंडस्ट्रीज के पास थी।
दत्ता, टीसी ट्रैवल सर्विसेज के डायरेक्टर भी रह चुके हैं, जो कि थॉमस कुक से जुड़ी एक प्रमुख कंपनी है। रतन टाटा के इस कदम ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि दत्ता और टाटा के बीच के संबंध कितने गहरे थे।
कौन हैं मोहिनी मोहन दत्ता
रतन टाटा के करीबी लोगों का कहना है कि दत्ता उनके पुराने साथी थे। परिवार समेत उनके करीबी लोग दत्ता को जानते थे। इस बारे में पूछे जाने पर मोहिनी दत्ता ने कोई जवाब नहीं दिया। रतन टाटा की वसीयत के एग्जीक्यूटर्स में उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जेजीभॉय भी शामिल हैं। उन्होंने भी इस पर कुछ नहीं कहा। एक और एग्जीक्यूटर डेरियस खंबाटा ने भी कोई टिप्पणी नहीं की।