


लेखा और परामर्श कंपनी ईवाई ने कहा कि भारत को 6.5 से 7.0 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए जीडीपी में बदलाव के अनुपात में कर राजस्व में वृद्धि यानी कर में 1.2 से 1.5 उछाल की जरूरत है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सरकार को राजस्व संग्रह को मजबूत करने की आवश्यकता है, विशेष रूप से कर-से-जीडीपी अनुपात को वित्त वर्ष 2025-26 के (बजट अनुमान) में अनुमानित 12 प्रतिशत से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2030-31 तक 14 प्रतिशत करना होगा।
ईवाई ने कहा कि भारत की राजकोषीय रणनीति को जीडीपी में बदलाव के अनुपात में कर राजस्व बढ़ाने, विवेकपूर्ण व्यय प्रबंधन और सतत वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए निरंतर संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ईवाई इंडिया के मुख्य नीति सलाहकार डी के श्रीवास्तव ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 का बजट रणनीतिक रूप से विकास की अनिवार्यताओं के साथ राजकोषीय मजबूती को संतुलित करता है।
ईवाई इंडिया इकनॉमी वॉच की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले तीन साल में, सकल कर राजस्व में उछाल धीरे-धीरे कम हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 1.4 से वित्त वर्ष 2024-25 के संशोधित अनुमान के अनुसार 1.15 पर आ गया। वहीं वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में इसके 1.07 रहने का अनुमान है। ईवाई रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कर उछाल 1.2 से 1.5 प्रतिशत के दायरे में बनाए रखने से भारत सरकार को 6.5 से 7.0 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि दर हासिल करने में मदद मिल सकती है।'' अगले वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर 6.3 से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर 6.4 प्रतिशत रहने की संभावना है।