


अपर मुख्य सचिव संजय दुबे ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत कार्यों की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार करने के लिए स्टेक होल्डर्स को भी कंसल्ट किया गया है। शीघ्र ही राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार की जाएगी। अपर मुख्य सचिव श्री दुबे ने बताया कि एमपी-सर्ट द्वारा विभिन्न विभागों का साइबर सुरक्षा के संबंध में प्रशिक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में साइबर सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए कार्यवाही की जा रही है।
दुबे ने जानकारी दी कि नर्मदा नदी के गहरीकरण का मानचित्रण कराया गया है। उन्होंने बताया कि शासकीय कर्मचारियों के लिए ईएचआरएमएस, सिंगल साइन ऑन, नागरिकों लिए यूनिफाइड पोर्टल आदि विकसित किए गए हैं। उन्होंने डेटा सेंटर के विकास, एवीजीसी लैब, इनक्यूबेशन सेंटर्स की स्थापना, आईटी स्टार्टअप्स, ईएसडीएम पार्क की स्थापना, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग, जीसीसी की स्थापना आदि बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में आईटी और संबंधित क्षेत्रों के उद्योगों की स्थापना के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय डॉ. राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री मनीष रस्तोगी, एमडी एमपीएसइडीसी श्री आशीष वशिष्ठ एवं प्रोजेक्ट डायरेक्टर श्री गुरु प्रसाद सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी प्लान का जोनल प्लान बनेगा
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने कहा कि ड्रोन द्वारा सर्वेक्षण एवं निगरानी प्लान को जोनल प्लान बनाकर योजनाबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा के लिए गृह विभाग के साइबर एक्सपर्ट्स से भी इनपुट लिए जाएं। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ 2028 के टेक्निकल सपोर्ट का प्लान नगरीय आवास एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग मिलकर तैयार करें। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के प्लान का अध्ययन भी करें। उन्होंने कहा कि राज्य की स्पेस टेक नीति तैयार करने के लिए अन्य राज्यों की नीतियों का भी अध्ययन करें। उन्होंने कहा कि राज्य में स्टार्टअप्स कल्चर को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी मद्रास के मॉडल का अनुसरण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आईटी और संबंधित क्षेत्रों में निवेशकों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करें।