


अमेरिका में पहली बार कैंप हिल वायरस की पहचान हुई है। यह वायरस छछूंदरों से मनुष्यों में फैल सकता है, जिससे वैज्ञानिकों में चिंताएं बढ़ गई हैं। इसे हेनिपावायरस परिवार से मायह चमगादड़ों व छछूंदरों का प्राकृतिक मेजबान है। हेनिपावायरस में अत्यधिक खतरनाक निपाह वायरस शामिल है, जिसने दक्षिण-पूर्व एशिया में घातक प्रकोप पैदा किया है। जबकि कैंप हिल वायरस मनुष्यों में कभी दर्ज नहीं किया गया है। लेकिन एक नए इंसानी भौगोलिक क्षेत्र में इसकी उपस्थिति एक बड़े खतरे की चेतावनी है। यह सांस लेने में दिक्कत, मस्तिष्क की सूजन, दौरे और कोमा का कारण बन सकता है। यह प्रायः गंभीर श्वसन रोग और इंसेफेलाइटिस का कारण बनता हैं और उच्च मृत्यु दर से जुड़ा है। वैज्ञानिक इस पर नजर रखे हुए हैं। ना जा रहा है, जो जूनोटिक वायरस है।
मनुष्यों में फैल सकता है संक्रमण
न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय और सिटी कॉलेज का न्यूयॉर्क के शोधकर्ताओं ने एक क्षेत्र विशेष में वायरस की उपस्थिति की पुष्टि की है।हेनिपावायरस प्रजातियों की सीमा को पार कर सकता है और मनुष्यों सहित विभिन्न स्तनधारियों को संक्रमित कर सकता है। लैंग्या वायरस,कैंप हिल का सबसे करीबी ज्ञात वायरस है जिसने मनुष्यों को संक्रमित किया है। यह चीन में छछूंदर से लोगों में फैला। इसकी वजह से लोगों में बुखार, थकान और यकृत की शिथिलता जैसे लक्षण पैदा हुए। दो सबसे उल्लेखनीय हेनिपावायरस हेंड्रा और निपाह वायरस हैं।
डब्ल्यूएचओ बोला-छछुंदरों में वायरस दिखना चिंताजनक
विश्व स्वास्थ्य संगठन हेनिपावायरस को सर्वोच्च प्राथमिकता वाला रोगजनक और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा मानता है। इसका कोई ज्ञात उपचार या टीका नहीं है। पहले माना जाता था कि कैंप हिल वायरस केवल ऑस्ट्रेलियाई फल खाने वाले चमगादड़ों द्वारा फैलता है, लेकिन उत्तरी अमेरिकी छछूंदरों में इसका दिखना बताता है कि वायरस पहले की अपेक्षा कहीं अधिक व्यापक रूप से फैल सकता है।