


मध्य प्रदेश में मोहन सरकार ने वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने का फैसला लिया है। इसके लिए सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं। उन्हें पांच दिन में पूरी जानकारी सरकार तक पहुंचाने की बात कही गई है। जिसमें वक्फ बोर्ड की वह संपत्तियां भी शामिल की जाएगी, जो अतिक्रमण के दायरे में आती हैं। इसके अलावा निष्क्रांत संपत्ति यानि जो लोग बंटवारे के बाद पाकिस्तान चले गए गए थे, उन संपत्तियों को भी शामिल किया जाएगा। बताया जा रहा है कि यह पूरी जानकारी राजस्व विभाग की मदद से सरकारी पोर्टल पर भी अपलोड की जाएगी।
रिपोर्ट दिल्ली भेजी जाएगी
बताया जा रहा है कि एमपी सरकार की तरफ से वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी की फिजिकल वेरिफिकेशन की रिपोर्ट दिल्ली में संयुक्त संसदीय समिति को भेजी जाएगी। इसके अलावा एमपी में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सनवर पटेल का कहना है कि बहुत सी जानकारी दिल्ली भेज भी दी गई है, जबकि राज्य सरकार की तरफ से अतिक्रमण संबंधित जानकारी सर्वे के बाद भेज दी जाएगी। इसके लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। मोहन सरकार ने कलेक्टरों से वक्फ प्रॉपर्टी के नामांतरण के साथ-साथ कितनी जगह पर अतिक्रमण किया गया है, उसकी भी जानकारी मांगी है।
जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाएगी
कुल 15 बिंदुओं की जानकारी सरकार जुटा रही है। यह पूरी जानकारी पोर्टल पर अपडेट की जाएगी। जबकि तहसील स्तर पर इसकी पूरी डिटेल होगी, ताकि तहसील स्तरीय जानकारी वक्फ बोर्ड के माध्यम से उपलब्ध करा दी जाएगी। सरकार ने यह सभी निर्देश जारी कर दिए हैं। मुख्य सचिव ने इस मामले में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अशोक बर्णवाल को निर्देश दिए थे, जिसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी कलेक्टरों और संभागायुक्तों को भेज दी है। बता दें कि 26 दिसंबर 2024 को संयुक्त संसदीय समिति की दिल्ली में बैठक हुई थी, उसके बाद ही मप्र वक्फ बोर्ड से संबंधित प्रॉपर्टी की 15 बिंदुओं पर जिलेवार जानकारी मांगी थी, जिसके बाद सरकार की तरफ से यह निर्देश जारी किए गए हैं। यही वजह कि सरकार की तरफ से वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की जानकारी मांगी गई है।