


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भाईदूज हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व भाई और बहन के सहोदर स्नेह, परस्पर अपनत्व का प्रतीक है। भाईदूज भाई-बहन के पवित्र बंधन के नैसर्गिक संरक्षण और पारिवारिक जीवन मूल्यों को मजबूत बनाता है। यह पर्व भारतीय समाज की उस देशज परम्परा का निर्वहन है, जहां बहन के स्नेह में भाई का नैतिक दायित्व और जीवन पर्यन्त रक्षा का संकल्प निहित होता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भाईदूज का यह पर्व न केवल भाई-बहन के स्नेह का उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता, नारी सम्मान के साथ हमारे पारिवारिक जीवन मूल्यों के संरक्षण का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव गुरुवार को मुख्यमंत्री निवास परिसर में आयोजित (भातृ द्वितीया/यम द्वितीया) भाईदूज के विशेष कार्यक्रम में बहनों को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बहनों के साथ आत्मीय संवाद कर सभी को भाईदूज की शुभकामनाएं दीं। प्रदेश की बहनों के साथ संवाद के दौरान उनसे राज्य सरकार की योजनाओं, उपलब्धियों और भावी प्राथमिकताओं की जानकारी भी साझा की। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे लाड़ली बहनों के रूप में 1 करोड़ 26 लाख से अधिक बहनें मिली हैं। हम बहनों के जीवन में नई रोशनी, नई खुशी जोड़ रहे हैं। प्रदेश की सभी लाडली बहनों को अब हर माह 1500 रुपए मिलेंगे। बहनों के लिए सरकार के खजाने में कोई कमी नहीं है। बहनों के शब्द और उद्गार सुनकर अभिभूत हूं। हमारी बहनें लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती का समग्र रूप हैं। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा प्रदेश है, जहां लाड़ली बहना योजना से हमारी बहनें हर महीने राखी और भाईदूज मनाती हैं। उन्होंने कहा कि लाड़ली बहना योजना प्रदेश की बहनों की समृद्धि का सीधा मार्ग है। किसी भी जरूरत के वक्त लाड़ली बहनों को इस योजना से बड़ा संबल और सहयोग मिला है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश की लाड़ली बहनों को हमारी सरकार अब तक 29 किश्तों में करीब 45 हजार करोड़ रुपए की सहायता राशि दे चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बहनों की मुस्कान ही मध्यप्रदेश की और हमारी सरकार की जमा पूंजी है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भाईदूज के पावन पर्व पर सभी लाड़ली बहनों पर पुष्पवर्षा कर भाईदूज की बधाई देकर मुख्यमंत्री निवास में आत्मीय स्वागत किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित बहनों ने मुख्यमंत्री को तिलक लगाया, साफा पहनाया, नारियल भेंट कर अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बहनों को उपहार भेंट दी और मिठाई खिलाकर आभार जताया। कार्यक्रम में मौजूद लाड़ली बहनों ने भाई-बहन के प्रेम और स्नेह पर केन्द्रित निमाड़ी लोकगीत गाये, नृत्य किया और परम्परागत स्वर लहरियों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम स्थल को अपनत्व से भाव-विभोर कर दिया। लाड़ली बहनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का तिलक कर उनकी दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बहनों का आशीर्वाद सदैव सरकार के साथ है। इसी कारण हम निर्भय होकर काम कर पाते हैं। आज बड़े सौभाग्य का दिन है। प्रदेश का मुख्यमंत्री निवास बहनों का घर बना है। बहनों के माध्यम से दो परिवार एक साथ जुड़ते हैं। बहनों का हृदय विशाल है। वे शादी के बाद नए घर में जाकर नए माता-पिता के साथ रहती हैं। सनातन संस्कृति में उन्हें जगदंबा और लक्ष्मी का रूप कहा जाता है। वे परेशानी के समय परिवार के साथ सदैव चट्टान की तरह खड़ी रहती है। प्रदेश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी बहनों की ताकत 2029 में और बढ़ेगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस अवसर पर वीरांगनाओं को भी याद करते हुए कहा कि रानी दुर्गावती ने अपने शौर्य के बल पर मुगलों के साथ 52 युद्ध लड़े। रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया और रानी अवंति बाई लोधी जैसी अनेक देवियों ने देश और प्रदेश का मान बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भाई दूज का पर्व भगवान श्रीकृष्ण और उनकी प्यारी बहन सुभद्रा के परस्पर स्नेह सहित यमराज और उनकी बहन से जुड़ी एक कहानी से प्रारंभ होता है। जो रक्षाबंधन का महत्व है, वही भाईदूज का भी महत्व है। राज्य सरकार ने रोजगारपरक नीति तैयार कर बहनों को उद्योग में काम करने पर 5 हजार रुपए की राशि अतिरिक्त सहायता के रूप में देने का निर्णय लिया है। अगर बहनें अपना उद्योग स्थापित करें, तो उन्हें 2 प्रतिशत की छूट अलग से दी जा रही है। बहनों के नाम पर मकान, दुकान और जमीन की रजिस्ट्री कराने पर अलग से छूट दिये जाने का प्रावधान है। बहनें अपना उद्योग स्थापित करें और समृद्ध बने।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रदेश की लाड़ली बहनों को नि:शुल्क आवास प्रदान किए। उनका खुद का घर नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में देशभर में बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास बहनों के लिए सदैव खुला है। मुख्यमंत्री निवास बहनों का अपना मायका है। सैकड़ों बहनों ने अपनी चरण रज से आज फिर मेरे आंगन को धन्य कर दिया है। ईश्वर हमारी सभी बहनों का घर खुशियों से भर दे। आप हमारी लाड़ली और हम आपके लाड़ले बने रहें। यह ऐतिहासिक भाईदूज मध्यप्रदेश की लाड़ली बहनों को समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा, शिक्षा और स्वावलंबन को अपनी नीति के केंद्र में रखा है। लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, महिला स्व-सहायता समूहों के सशक्तिकरण, मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना जैसी योजनाओं से महिलाओं के जीवन स्तर में व्यापक सुधार हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी सरकार बहनों के कल्याण में जी-जान से लगी है। हम प्रदेश में एक ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जहां हमारी बहनें निश्चिंत होकर दिन हो या रात, किसी भी समय काम कर सकें। इसके लिए श्रम कानूनों में संशोधन किया गया है। नियोक्ताओं के लिए भी यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा की पूरी जिम्मेदारी निभाएं। प्रदेश के कई औद्योगिक क्षेत्रों में अब वर्किग वूमन हॉस्टल/आश्रय गृह की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के 47 प्रतिशत स्टार्ट अप्स का नेतृत्व हमारी बहनें कर रही हैं। बहनों के लिए हमारे खजाने में कोई कमी नहीं है। बहनें अपनी सेहत का ध्यान जरूर रखें। स्वस्थ बहनें ही समृद्ध मध्यप्रदेश बनाएंगी। मध्यप्रदेश की हर बहन का सुख, सुरक्षा और सम्मान हमारा दायित्व है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि संसार की किसी भी सभ्यता में नारी शक्ति को इतना ऊंचा स्थान नहीं मिला, जितना भारतीय सनातन संस्कृति में दिया जाता है। भाईदूज बहन के आशीर्वाद और भाई के उत्तरदायित्व का पर्व है। मुझे इस बात का गर्व है कि मध्यप्रदेश इस परंपरा को न केवल जीवित रख रहा है, बल्कि उसे समाज की ताकत बना रहा है। हम लाड़ली बहना योजना को एक नए चरण में ले जा रहे हैं। इस योजना ने करोड़ों बहनों के जीवन में उजाला भरा, अब वह और भी बड़ी होने जा रही है। प्रदेश की बहनों के खाते में 1250 नहीं, बल्कि अब हर महीने 1500 रुपए आएंगे। यह जो 250 रुपए बढ़ रहे हैं, यह बहनों को नई हिम्मत, नई उम्मीद देंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की शुरुआत जून 2023 में हुई थी, तब से अक्टूबर 2025 तक हमने करोड़ों रुपए की राशि बहनों के खातों में भेजी है। मुझे यह जानकर बेहद खुशी होती है कि किसी बहन ने इस पैसे से सिलाई मशीन खरीदी, तो किसी ने फोटोकापी मशीन, किसी बहन ने अचार-पापड़ का बिजनेस शुरू किया, तो किसी बहन ने बकरी और गाय खरीदकर डेयरी शुरू की। अब उसकी कमाई से बच्चों को अच्छी शिक्षा, परिवार को अच्छा जीवन देने में सफल हो रही हैं। बहनें अब अपने परिवारों का आर्थिक संबल भी बन रही हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हमारी संस्कृति कहती है कि बहन-बेटियों का सम्मान और संबल देने से घर-आंगन में समृद्धि और सौभाग्य हमेशा बना रहता है। मध्यप्रदेश में यह अनुभव बिलकुल सत्य साबित हुआ है। पिछ़ले डेढ़ साल में मध्यप्रदेश ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐसे कदम उठाए हैं, जो पूरे देश के लिए मिसाल बन गए हैं। लाड़ली लक्ष्मी योजना से प्रदेश की बेटियां पैदा होते ही लखपति बन रही हैं। वर्तमान में प्रदेश में 51 लाख से अधिक लाड़ली लक्ष्मी बेटियां हैं। इस योजना से मिलने वाली राशि से स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई कर रही हैं। मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना ने गरीब बेटियों का जीवन संवारा है। जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से गर्भवती माताओं का ख्याल रखा जा रहा है। महिलाओं के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए हमने देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन की शुरुआत की है, जो हमारी बहनों को हर स्तर पर नई ताकत और अवसर दे रहा है।