


बेहतर नींद अच्छी सेहत के लिए बेहद जरूरी है. पर्याप्त और आरामदायक नींद की कमी से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इनमें मानसिक तनाव, चिड़चिड़ापन, ब्लड प्रेशर की समस्या और डायबिटीज के साथ हार्मोनल असंतुलन भी शामिल है. इसके साथ ही नींद हमारी भाषा का उपयोग करने, ध्यान बनाए रखने, जो हम पढ़ रहे हैं उसे समझने और जो हम सुन रहे हैं उसे प्रस्तुत करने की क्षमता को भी प्रभावित करती है. नींद की जरूरत भी सभी की अलग-अलग होती है.
नींद का पूरा होना और बेहतर नींद में अंतर है. अक्सर हम 7 से 9 घंटे की नींद को ही पर्याप्त और बेहतर नींद मानते हैं. हालांकि ऐसा नहीं है. सोने से पहले दिमाग में किसी तरह का तनाव होने से बेहतर नींद नहीं आती. इसके अलावा सोने के कमरे का माहौल और बिस्तर से भी नींद पर बहुत प्रभाव पड़ता है.
कैसे लें बेहतर नींद
बेहतर नींद लेने के लिए जरूरी है कि सोने वाला कमरे का माहौल अच्छा और शांत हो. इसके साथ ही बिस्तर भी आरामदायक होना चाहिए. यदि आपको किसी तरह का तनाव है तो उसे भूलकर बिस्तर पर जाना चाहिए. बिस्तर पर तभी पहुंचना चाहिए जब आपको नींद आ रही हो और आपना मन भी सोने का हो रहा हो. बिस्तर पर जाकर सोचना या करवट बदलते रहने से भी बेहतर नींद नहीं आती.
क्या करें
बेहतर नींद लेने के लिए सोने और जागने का समय निर्धारित करें. सोने जाने से कम से कम एक घंटा पहले मोबाइल, लैपटॉप न चलाएं. कमरे का तापमान नियंत्रित करें और शोरगुल बंद करें. बेडरूम में ध्यान भटकाने वाली कोई वस्तु या सामग्री न रखें. बेडरूम में किसी तरह की बदबू या तेज गंध न होने दें. इसके साथ ही सोने से एक घंटा पहले कैफीन या शराब का सेवन न करें. सोने से पहले गर्म दूध या कैमोमाइल जैसी हर्बल चाय पीना फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही नियमित व्यायाम भी नींद में सुधार करता है.