


केंद्र सरकार की आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने झारखंड के धनबाद जिले में स्थित झरिया कोयलांचल के लिए संशोधित झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत कुल 5,940.47 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। योजना का उद्देश्य वर्षों से चली आ रही आग, भूमि धंसान और प्रभावित परिवारों के पुनर्वास की गंभीर समस्याओं का समाधान करना है। संशोधित योजना चरणबद्ध तरीके से लागू होगी, जिसमें सबसे पहले आग और धंसान से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में काम शुरू किया जाएगा। सरकार ने इस योजना में केवल पुनर्वास ही नहीं, बल्कि स्थायी आजीविका निर्माण को भी प्रमुखता दी है ताकि विस्थापित परिवार केवल नए घरों में न रहें बल्कि आर्थिक रूप से भी आत्मनिर्भर बन सकें।
परिवारों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा
वहीं पुनर्वास नीति के तहत, विस्थापित परिवारों को कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ा जाएगा जिससे उनकी रोजगार क्षमता बढ़े। इसके अलावा, सभी प्रकार के प्रभावित परिवारों चाहें उनके पास कानूनी स्वामित्व हो या न हो सभी को 1 लाख रुपये की आजीविका अनुदान राशि दी जाएगी। साथ ही, वे 3 लाख रुपये तक की संस्थागत ऋण सहायता भी प्राप्त कर सकेंगे। इस योजना में पुनर्वास स्थलों पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। इनमें सड़कें, बिजली, जल आपूर्ति, सीवरेज, स्कूल, अस्पताल, कौशल विकास केंद्र और सामुदायिक भवन शामिल हैं। यह सभी कार्य ‘संशोधित झरिया मास्टर प्लान के कार्यान्वयन समिति’ की सिफारिशों के आधार पर किए जाएंगे ताकि पुनर्वास की प्रक्रिया मानवीय और समग्र हो।
आजीविका पुनर्वास कोष’ की स्थापना की जाएगी
इसके अलावा, ‘झरिया वैकल्पिक आजीविका पुनर्वास कोष’ की स्थापना की जाएगी, जो आजीविका से जुड़ी गतिविधियों और कौशल विकास प्रयासों को समर्थन देगा। इस कार्य में क्षेत्रीय बहु-कौशल विकास संस्थानों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इस संशोधित योजना से न केवल झरिया की गंभीर पर्यावरणीय और मानवीय समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि यह स्थानीय निवासियों को दीर्घकालिक सामाजिक-आर्थिक उन्नति की ओर भी अग्रसर करेगी।