चैत्र शुक्ल पक्ष की एकादशी को कामदा एकादशी के रूप में मनाया जाता है, जो चैत्र नवरात्रि और राम नवमी के बाद पहली एकादशी है। यह त्योहार मार्च या अप्रैल में पड़ता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है, जिससे व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही इस दिन उपवास करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिल जाती है। एकादशी के व्रत को समाप्त करने के लिए अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है, जो द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना आवश्यक है। ऐसे में आइये इस आर्टिकल में जानते हैं कि साल 2025 में कामदा एकादशी कब है? इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है? साथ ही जानेंगे पूजा विधि और व्रत का महत्व।
कामदा एकादशी 2025 कब है?
साल 2025 में चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरूआत 7 अप्रैल को रात 8 बजे होगी जो 8 अप्रैल को रात 9 बजकर 12 मिनट तक जारी रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, कामदा एकादशी व्रत 8 अप्रैल यानी मंगलवार को रखा जाएगा।
कामदा एकादशी 2025 पूजा के शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 18 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 20 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 06 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 04 मिनट तक
- निशिता मुहूर्त- रात 12 बजे से 12 बजकर 45 मिनट तक
कामदा एकादशी व्रत की पूजा विधि
इस दिन प्रातःकाल सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। व्रत का संकल्प लें और भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाएं। इसके बाद तुलसी पत्र, पीले पुष्प, चंदन, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करते हुए विष्णु सहस्रनाम या विष्णु स्तोत्र का पाठ करें।
व्रत पारण
एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि पर किया जाता है। ऐसे में कामदा एकादशी का पारण 09 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 34 मिनट तक है। व्रत का पारण करने के बाद अन्न और धन का दान जरूर करना चाहिए।
कामदा एकादशी व्रत लाभ
यह एकादशी कामनाओं की पूर्ति करने वाली मानी जाती है, इसलिए इसे ‘कामदा’ कहा जाता है। इस दिन का व्रत व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्रदान करता है। व्रत के प्रभाव से पुराने से पुराने पापों का भी नाश हो जाता है और व्यक्ति मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर होता है।