


मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश और गुरुवार-शुक्रवार को कई इलाकों में वर्षा के कारण नदी-नाले उफान पर हैं। कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। अशोकनगर जिले के चंदेरी के पास पुल जलमग्न हो गया है, जिससे आवागमन बंद कर दिया गया है। हरदा जिले में प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है। विंध्य और महाकोशल क्षेत्र के कई जिलों में तेज बारिश से शहरों और कस्बों में भी जलभराव की स्थिति बन गई है।
तवा डैम के तीन गेट पहली बार खुले
शुक्रवार को नर्मदापुरम के इटारसी में तवा डैम के तीन गेट इस सीजन में पहली बार खोले गए। प्रत्येक गेट को तीन-तीन फीट तक खोलकर 14,514 क्यूसेक यानी प्रति सेकंड लगभग चार लाख 11 हजार 177.18 लीटर पानी नर्मदा नदी में छोड़ा गया। हालात को देखते हुए प्रशासन ने तवा और नर्मदा के किनारे बसे गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है।
सतपुड़ा जलाशय के सात गेट खोले गए
बैतूल जिले में सतपुड़ा जलाशय में लगातार बढ़ते जल स्तर के कारण शुक्रवार को प्रबंधन ने सात गेट तीन-तीन फीट ऊंचाई तक खोल दिए। इन गेटों से 17,500 क्यूसेक पानी तवा नदी में छोड़ा जा रहा है। अशोकनगर जिले के चंदेरी के पास मप्र-यूपी सीमा पर स्थित राजघाट डैम में भी शुक्रवार दोपहर जलस्तर बढ़ने से 12 गेट खोलने पड़े, जिससे लगभग 1.78 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
मप्र-यूपी को जोड़ने वाला पुल डूबा
राजघाट डैम से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने से चंदेरी के समीप मप्र और यूपी को जोड़ने वाला पुल डूब गया है। पुल पर करीब आठ फीट पानी भरने से दोनों राज्यों के बीच यातायात पूरी तरह ठप हो गया है। हरदा में लगातार बारिश और तवा डैम से पानी छोड़ने की वजह से नर्मदा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
प्रशासन ने नर्मदा किनारे बसे गांवों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। हंडिया के रिद्धनाथ और नेमावर के सिद्धनाथ घाट जलमग्न हो गए हैं। दिनभर रुक-रुक कर बारिश होती रही। बीते 24 घंटों में जिले में 1.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई, जिससे अब तक इस वर्ष जिले में कुल 499.4 मिमी औसत बारिश हो चुकी है, जबकि पिछले वर्ष इस समय तक 278.4 मिमी बारिश हुई थी।