


उज्जैन में भगवान महाकाल की पारंपरिक सवारी में देरी को लेकर विवाद गहरा गया है। मंदिर के पुजारियों ने इसे धार्मिक परंपराओं का उल्लंघन बताते हुए प्रशासन के खिलाफ नाराजगी जताई है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि अगली सवारी समय पर नहीं निकाली गई, तो वे काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज करेंगे।
पुजारियों ने मुख्यमंत्री और कलेक्टर को पत्र लिखकर इस घटनाक्रम की जानकारी दी है। पुजारियान समिति के महामंत्री महेश पुजारी ने कहा कि प्रशासन और पुलिस की लापरवाही से सवारी में देरी हुई, लेकिन दोष पुजारियों और कहारों पर डालना निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि सवारी मार्ग पर नेता, अधिकारी और अन्य लोग सेल्फी और प्रचार में व्यस्त रहते हैं, जिससे जाम और देरी होती है।
महेश पुजारी ने कहा कि पालकी पीछे चलती है, जबकि भजन मंडलियां, डीजे, झांकियां, और सेल्फी लेने वाले आगे चलते हैं। इसलिए सवारी की गति इन्हीं पर निर्भर होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि दोषारोपण करने वाले अधिकारी सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, तो अगली सवारी में सभी पुजारी, पुरोहित और कहार काली पट्टी बांधकर शामिल होंगे।