


मध्य प्रदेश सरकार ने सुशासन को मजबूत बनाने के लिए एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब जनसुनवाई में आने वाली जनता की शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में भी दर्ज होंगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में यह कदम जनता की समस्याओं के तेजी से समाधान का रास्ता और साफ़ हो जाएगा। मुख्यमंत्री हर महीने इन शिकायतों की समीक्षा करेंगे, ताकि कोई समस्या लंबित न रहे।
ट्रैकिंग होगी आसान
सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि सभी समस्याओं का निर्धारित समय सीमा के अंदर निराकरण अनिवार्य होगा। इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों को सख्त हिदायतें जारी की गई हैं। जनसुनवाई में आने वाले हर आवेदन को तुरंत सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर एंट्री करना होगा, जिससे ट्रैकिंग आसान हो जाएगी। लेकिन यह निर्णय केवल सुविधा ही नहीं, बल्कि अनुशासन का भी प्रतीक है। अगर कोई व्यक्ति 10 से अधिक शिकायतें दर्ज कराता है, तो उसके खिलाफ एक दिन के लिए प्रतिबंध लगाया जाएगा। साथ ही, अनावश्यक या फर्जी शिकायतें करने वालों को चिन्हित करके ब्लॉक करने की कार्रवाई की जाएगी। इसका उद्देश्य सच्ची समस्याओं पर फोकस रखना है, ताकि सीमित संसाधनों का सही उपयोग हो।
यह निर्णय सुशासन का जीता-जागता उदाहरण
यह कदम मध्यप्रदेश को डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में आगे ले जाएगा। अब जनता घर बैठे या जनसुनवाई में अपनी आवाज उठा सकेगी, और सरकार सुनिश्चित करेगी कि आवाज दबे नहीं। डॉ. मोहन यादव सरकार का यह निर्णय सुशासन का जीता-जागता उदाहरण है। इससे न केवल जनता की समस्या जल्द हल होगी, बल्कि इससे पारदर्शिता भी आएगी।