


केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देने और विनियमित करने वाला नया कानून 1 अक्टूबर से लागू होगा. उन्होंने जानकारी दी कि सरकार ने इस कानून से जुड़े नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और इन्हें जल्द ही अमल में लाया जाएगा।
मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री ने कहा, “संसद द्वारा पारित ‘ऑनलाइन गेम्स के संवर्धन और विनियमन अधिनियम’ के तहत हमने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और विभिन्न हितधारकों के साथ कई स्तरों पर बातचीत की है। पिछले तीन वर्षों से यह प्रक्रिया चल रही थी और अब कानून पास होने के बाद एक बार फिर सभी से चर्चा की गई है।”
वैष्णव ने बताया कि सरकार ने बैंकों समेत इस क्षेत्र से जुड़े लगभग सभी महत्वपूर्ण पक्षों से बातचीत की है। उन्होंने कहा, “नियम अब फाइनल हो चुके हैं और 1 अक्टूबर से प्रभाव में आ जाएंगे।
अभी होगी एक और बातचीत
हालांकि, मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि इन नियमों को लागू करने से पहले इंडस्ट्री के साथ एक और अंतिम चर्चा की जाएगी। अगर कंपनियों को नियमों के अनुपालन के लिए कुछ और समय चाहिए होगा, तो सरकार सहमति से निर्णय ले सकती है। उन्होंने कहा, “हमारा प्राथमिक उद्देश्य है कि 1 अक्टूबर से कानून का क्रियान्वयन शुरू हो।
यह फैसला ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर को नियंत्रित करने और यूज़र्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार का मानना है कि इससे इस क्षेत्र को स्पष्ट दिशा मिलेगी, उपभोक्ताओं के हित सुरक्षित रहेंगे और अवैध गतिविधियों पर सख्त नियंत्रण लगाया जा सकेगा।
क्या है नया कानून
नए ऑनलाइन गेमिंग कानून में यह स्पष्ट किया गया है कि देश में किसी भी प्रकार के ऑनलाइन जुआ, सट्टेबाजी और रियल मनी आधारित खेलों की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस कानून के तहत बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों को ऐसे गेम्स से जुड़े लेनदेन रोकने के लिए बाध्य किया गया है।
साथ ही, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के अंतर्गत प्रतिबंधित प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक किया जाएगा ताकि उनकी पहुंच पूरी तरह से रोकी जा सके। सरकार का कहना है कि यह कानून नागरिकों को गेमिंग की लत, आर्थिक नुकसान, धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गंभीर समस्याओं से बचाने के उद्देश्य से लाया गया है।