


मध्यप्रदेश में अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा दो बार होगी। पहली परीक्षा फरवरी-मार्च और दूसरी जुलाई-अगस्त में होगी। इस व्यवस्था को स्कूल शिक्षा विभाग ने माध्यमिक शिक्षा मंडल विनियम 1965 में संशोधन कर शुक्रवार को अधिसूचना राजपत्र में जारी कर लागू कर दिया। अब पूरक परीक्षा की व्यवस्था समाप्त हो गई है। बता दें, विभाग ने 21 मार्च को नियम में संशोधन का प्रारूप अधिसूचित कर 15 दिन में आपत्ति और सुझाव मांगे थे, जिसे अब अंतिम रूप दिया गया है।
पहली परीक्षा फरवरी-मार्च और दूसरी जुलाई-अगस्त माह में संचालित होगी
यह व्यवस्था वर्ष 2024-25 की परीक्षा से लागू होगी, यानी फरवरी में बोर्ड परीक्षा देने वाले विद्यार्थी जुलाई में आयोजित होने वाली द्वितीय बोर्ड परीक्षा में शामिल होने के लिए पात्र होंगे।
इस बार मप्र बोर्ड 10वीं व 12वीं परीक्षा में करीब 17 लाख विद्यार्थी शामिल हुए हैं, जिनका परिणाम जल्द ही जारी होने वाला है। इसके बाद जुलाई में द्वितीय परीक्षा आयोजित की जाएगी।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पहली बार जुलाई में द्वितीय परीक्षा आयोजित की जाएगी।
इसमें वही विद्यार्थी शामिल होंगे, जिन्होंने पहली परीक्षा दी है। दोनों परीक्षा के अंकों के आधार पर वार्षिक परीक्षा का परिणाम तैयार किया जाएगा।
अब ऐसी होगी व्यवस्था
ऐसे विद्यार्थी जो द्वितीय परीक्षा में बैठने वाले हों, उनका परीक्षाफल घोषित होने तक मंडल या महाविद्यालय द्वारा संबद्धता प्राप्त संस्था के प्रधानाचार्यों द्वारा अगली कक्षा में प्रवेश लेने की अस्थायी अनुमति दी जा सकेगी। ऐसे अभ्यर्थियों के द्वितीय परीक्षा में उत्तीर्ण घोषित किए जाने की दशा में उनकी उपस्थिति की गणना की जाएगी।
ऐसे विद्यार्थियों के लिए जो मंडल की प्रथम परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक या एक से अधिक विषयों में अनुपस्थित/अनुत्तीर्ण रहे हों, द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
ऐसे अभ्यर्थी, जो सभी विषय में उत्तीर्ण हो गए हों, वे भी अंक सुधार के लिए द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
प्रथम परीक्षा में उत्तीर्ण रहे विद्यार्थी भी एक या एक से अधिक विषयों में, द्वितीय परीक्षा में शामिल हो सकेंगे। - प्रायोगिक विषयों में कोई विद्यार्थी प्रथम परीक्षा की प्रायोगिक/आंतरिक परीक्षा के केवल अनुत्तीर्ण भाग में शामिल होने के लिए पात्र होगा।
द्वितीय परीक्षा में शामिल होने के लिए विद्यार्थी को निर्धारित शुल्क के साथ परीक्षा आवेदन-पत्र भरना अनिवार्य होगा, लेकिन द्वितीय परीक्षा के दौरान विद्यार्थी द्वारा प्रथम परीक्षा में लिए गए विषय में परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
ऐसे विद्यार्थी जो मंडल की द्वितीय परीक्षा में बैठे हों, अंकों की पुनर्गणना के लिए मंडल के प्रावधानों के अनुसार आवेदन कर सकेंगे।