अगर महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर का समय रहते पता चल जाए तो इलाज आसान हो जाता है और जान बचाई जा सकती है। यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में शरीर छोटे-छोटे संकेत देता है जिन्हें हम अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, पीरियड्स आने के एक हफ्ते बाद महिलाएं खुद घर पर ही “सेल्फ-ब्रेस्ट एग्जामिनेशन” करके इसकी जांच कर सकती हैं।
निप्पल से डिस्चार्ज होना
अगर आपके निप्पल से किसी भी तरह का डिस्चार्ज हो रहा है चाहे वह साफ़ हो या खून के साथ तो इसे सामान्य समझने की गलती न करें। डॉक्टर तान्या बताती हैं कि निप्पल से निकलने वाला कोई भी फ्लूइड, खासकर जब आप प्रेग्नेंट नहीं हैं या ब्रेस्टफीड नहीं कर रही हैं, तो यह ब्रेस्ट कैंसर का शुरुआती संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।
ब्रेस्ट के रंग या आकार में बदलाव
अगर आपकी ब्रेस्ट का कलर बदल गया है, सूजन आ गई है, या अचानक रेडनेस दिख रही है, तो यह भी चेतावनी का संकेत हो सकता है। कई बार ब्रेस्ट में त्वचा मोटी या खिंची हुई दिखाई देती है। ये सभी लक्षण बताते हैं कि अंदर किसी प्रकार का असामान्य बदलाव हो रहा है। ऐसे में बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
ब्रेस्ट की त्वचा पर टेक्स्चर आना
अगर आपकी ब्रेस्ट की त्वचा पर संतरे के छिलके जैसी बनावट यानी छोटे-छोटे उभरे हुए दानेदार टेक्स्चर दिख रहे हैं, तो इसे हल्के में न लें। डॉक्टर इसे "Peau d’orange" साइन कहते हैं, जो ब्रेस्ट कैंसर का गंभीर लक्षण हो सकता है। यह त्वचा के अंदर सूजन या लिंफ फ्लूइड के जमा होने की वजह से होता है।
नई गांठ या लंप महसूस होना
ब्रेस्ट में या निप्पल के पास किसी नई गांठ का महसूस होना भी कैंसर का बड़ा संकेत है। अगर यह गांठ दर्दरहित है और समय के साथ बढ़ रही है, तो तुरंत जांच करवाना जरूरी है। कई बार महिलाएं सोचती हैं कि यह नॉर्मल हार्मोनल बदलाव है, लेकिन हर गांठ को जांचना जरूरी है, क्योंकि यही कैंसरका शुरुआती रूप हो सकता है।
कब करें यह जांच?
सेल्फ एग्जामिनेशन का सबसे सही समय होता है – पीरियड्स खत्म होने के 5 से 7 दिन बाद। इस दौरान हार्मोनल बदलाव शांत हो जाते हैं और ब्रेस्ट अपनी सामान्य अवस्था में होती है, जिससे किसी भी असामान्यता को पहचानना आसान होता है।