


नसों में ब्लॉकेज की समस्या इतनी आम सुनने को मिल रही है कि ये प्रॉब्लम जवान लोगों को भी हो रही है। इसकी वजह हमारा खराब लाइफस्टाइल, खान-पान की गलत आदतें ही हैं। आपने बहुत से लोगों को ये कहते सुना होगा कि उनके हाथ-पैर सुन्न हो जाते हैं। अगर ऐसा लगातार हो रहा है तो इसके पीछे की वजह ब्लॉकेज भी हो सकती हैं। नीली रंग की नसें एक जगह रस्सी की तरह गुच्छों में इक्टठी हो जाती है जिसे वेरिकोज वेन्स कहते हैं और ऐसा तब होता है जब ब्लड फ्लो स्लो हो जाता है और अच्छे से नसों में दौरा नहीं कर पाता लेकिन अपने लाइफस्टाइल को सही कर आप बंद हुई नसों को खोल सकते हैं।
नसों में ब्लॉकेज क्यों होती है?
नसों की ब्लॉकेज तब होती है जब धमनियों में प्लाक का निर्माण हो जाता है, जिससे रक्त का प्रवाह बाधित होता है। प्लाक एक चिपचिपा पदार्थ होता है, जो मुख्य रूप से कोलेस्ट्रॉल, वसा, कैल्शियम और अन्य पदार्थों से बनता है। इसे एथेरोस्क्लेरोसिस भी कहा जाता है। नसों की ब्लॉकेज कई कारणों से हो सकती है।
ब्लॉकेज की समस्या किन लोगों को ज्यादा होती है?
यह समस्या उन लोगों को ज्यादा होती है जो बाहर का फास्ट फूड, ऑयली खाना और अनहैल्दी डाइट लेते हैं। फिजिक्ल एक्टिविटी नहीं करते, वजन बहुत ज्यादा होता है, तनाव में रहते हैं। उन्हें ये समस्या कम उम्र में ही होने लगती है।
नसों की ब्लॉकेज दूर करने का देसी इलाज
लहसुन और दूध का देसी नुस्खा
यह नुस्खा इतना कारगार है कि इससे बंद नसें तो खुलेगी ही साथ ही में जोड़ो का दर्द, चोट लगने पर होने वाले दर्द को भी जड़ से खत्म कर देगा। बस दूध में कुछ लहसुन की कलियां उबालें और उनका सेवन करें। खाने में भी लहसुन का इस्तेमाल ज्यादा करें। लहसुन वाले तेल से नीली नसों की मसाज करें। लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और धमनियों को साफ रखने में मदद करते हैं। आप रोजाना सुबह खाली पेट 1-2 लहसुन की कली को पानी के साथ ले सकते हैं। आप इसे भोजन में भी शामिल कर सकते हैं। लहसुन इतना कारगर है कि यह नसों में भरी गंदगी बाहर निकालता है।
लहसुन-अदरक, गर्म पानी और काढ़ा
लहसुन अदरक का सेवन अधिक करें क्योंकि ये दोनों चीजें ही नसों की अंदरूनी सफाई करती रहती है लेकिन गर्मी में इसका ज्यादा सेवन ना करें। ग्रीन टी, तुलसी-दालचीनी का काढ़ा आदि पीएं। गर्म गुनगुना पानी पीते रहे। यह सब चीजें आपकी नसों को साफ ही करती है लेकिन ज्यादा सेवन नुकसान भी पहुंचा सकता है। उचित मात्रा में ही सेवन करें।
गर्म तेल की मसाज
जो हिस्सा बार-बार सुन्न होता है वहां गर्म तेल की मसाज शुरू करें आप जैतून, नारियल, तिल या सरसों का तेल आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। तिल के तेल को बिना गर्म करें ही इस्तेमाल करें।
गर्म पानी से सिंकाई
ब्लड सर्कुलेशन सही करने के लिए गर्म पानी की सिंकाई भी अच्छी मानी जाती है। इससे मांसपेशियों और नसों को आराम मिलता है। गुनगुने पानी से नहाएं।
हल्दी वाला दूध
सर्दी के मौसम में हल्दी वाला दूध जरूर लें। हल्दी, ब्लड सर्कुलेशन को सही रखने में बेहद मददगार होती है। इससे दर्द और सूजन से भी आराम मिलता है। हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो धमनियों में प्लाक बनने से रोकता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
आपकी डाइट का भी इसमें अहम रोल है। विटामिन बी, बी6 और बी12 लें। दूध,पनीर, दही, केला बींस ओटमील आदि लें। अगर हाथ-पैर सुन्न होने का कारण अनीमिया है तो भी खून की कमी से हाथ पैरों में झुनझुनाहट रहती हैं इसलिए डाइट में आयरन कैल्शियम भरपूर लें। खून बनाने वाले आहार जैसे गाजर सेब, अनार, चकुंदर खाएं। सुखे मेवे में अंजीर, भीगे हुए बादाम, अखरोट, किशमिश खाएं। फल और हरी सब्जियों का सेवन ज्यादा करें।