लखनऊ: यूपी में आज से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 (UP Investors Summit 2023) की शुरूआत होने जा रहीं है। इसमें देश-दुनिया की दिग्गज कारपोरेट हस्तियां उत्तर प्रदेश को सर्वोत्तम प्रदेश बनाने में साझीदार बनती दिखाई देंगी। बता दें कि ये समिट 10 से 12 फरवरी तक चलेगी। इसमें यूपी में रोजगार के नए अवसर खोले जाएंगे। समिट में कई बड़ी दिग्गज कारपोरेट हस्तियां शामिल होगी। इस दौरान अलग-अलग सत्रों में तमाम मंत्री सरकार की नीतियों से निवेशकों को अवगत कराएंगे। बता दें कि इस समिट में गौतम अडानी सम्मिलित नहीं होंगे।
10 हजार छोटे-बड़े निवेशक बनेंगे महाकुंभ का हिस्सा
रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी, टाटा संस के के चंद्रशेखरन, बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, महिंद्रा ग्रुप के आनंद महिंद्रा जैसी हस्तियां निवेशकों का प्रतिनिधित्व करती नजर आएंगी। यूपीजीआइएस (UP Investors Summit 2023) में चालीस देशों से 400 से अधिक डेलीगेट्स अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा। देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे-बड़े निवेशक महाकुंभ का हिस्सा बनेंगे। उल्लेखनीय है कि यूपीजीआइएस-23 के माध्यम से सरकार ने शुरुआत में 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश जुटाने का तय किया था।
ये बड़ी कारपोरेट हस्तियां होंगी शामिल
मुकेश अंबानी (रिलायंस), के चंद्रशेखरन (टाटा संस), कुमार मंगलम बिड़ला (आदित्य बिड़ला ग्रुप), आनंद महिंद्रा (महिंद्रा समूह), मुकेश अघी (यूएसआइएसपीएफ), स्वाति दलाल (एबाट न्यूट्रिशन), नवनीत अग्रवाल (अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स), महेश सुगरू (टाटा मोटर्स), उदय सिन्हा (एकाना ग्रुप), आदिल जैदी (अर्नेस्ट एंड यंग), धीरज कपूर (फ्लिपकार्ट), ध्रुव गलगोटिया (गलगोटिया यूनिवर्सिटी), दिनेश गुप्ता (ग्रीन प्लाई), राजीव गर्ग (हल्दीराम ग्रुप), संजीव कक्कड़ (इंडियन आयल कारपोरेशन), प्रदीप दीक्षित (आइटीसी), आशीष अग्रवाल (जेबीएम ग्रुप), अमर सिन्हा (रेडिको खेतान), डेनियल बिर्चर (ज्यूरिख एयरपोर्ट एशिया), नामसू पार्क और ह्यू किम (सैमसंग), प्रदीप कुमार गुप्ता (शारदा यूनिवर्सिटी), कैलाश चंद्र झंवर (अल्ट्रा टेक सीमेंट), डा. जगदीश गुलाटी (यूनाइटेड ग्रुप) सहित तीन सौ से ज्यादा शीर्ष उद्यमी इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होंगे।
गौतम अडानी नहीं होंगे सम्मिलित
अडानी समूह के गौतम अदाणी यूपीजीआइएस-23 का हिस्सा नहीं बनेंगे। अदाणी ने वर्ष 2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में उपस्थिति दर्ज कराई थी। इस बार भी उनका समिट में शामिल होना तय माना जा रहा था लेकिन शीर्ष उद्यमियों की संशोधित सूची में उनका नाम नहीं है। बता दें कि अडानी समूह यूपी में डिफेंस कारिडोर, लाजिस्टिक्स समेत अन्य सेक्टर में बड़ा निवेश कर रहा है।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सर्वाधिक निवेश के आसार
अब तक जो निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, उनमें मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में सर्वाधिक निवेश के आसार दिखाई दे रहे हैं। करीब 56 प्रतिशत निवेश इसी सेक्टर से आता दिख रहा है। जबकि अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में 15 प्रतिशत निवेशकों ने रुचि दिखाई है। आधारभूत संरचना के क्षेत्र में आठ प्रतिशत, टेक्साइटल में सात प्रतिशत, पर्यटन में पांच प्रतिशत, शिक्षा में तीन प्रतिशत, आइटी व इलेक्ट्रानिक्स में दो प्रतिशत तथा वेयरहाउस, लाजिस्टिक्स, हेल्थकेयर व फार्मा के क्षेत्र में एक-एक प्रतिशत निवेश होने की संभावना है।
रोजगार के नए अवसर
अब तक हुए निवेश करार और निवेश सहमति रोजगार के सुखद आंकड़ों की तस्वीर पेश कर रही है। यदि मौजूदा निवेश प्रस्ताव धरातल पर उतरते हैं तो इससे प्रदेश में दो करोड़ से अधिक अधिक रोजगार सृजित होंगे। पचास करोड़ तक निवेश करने वाली छोटी इकाइयों से 1.37 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन का अनुमान लगाया गया है। जबकि 50-200 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 20.07 लाख रोजगार देंगी। 200-500 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियों से 4.27 लाख से अधिक रोजगार सृजन की संभावना आंकी गई है। वहीं 500-3000 करोड़ का निवेश करने वाली कंपनियां 18.56 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देंगी। 3000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्ताव देने वाली मेगा कंपनियों ने 15.48 लाख रोजगार देने की सहमति अपने निवेश प्रस्तावों में दी है।