


भारत ने 20 अगस्त को परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह मिसाइल 5,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह चीन के उत्तरी हिस्सों के साथ-साथ एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों को भी निशाना बना सकती ह। यह परीक्षण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा से ठीक पहले हुआ है। 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के रिश्ते सुधर रहे हैं।
बहरहाल, यह परीक्षण पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर की धमकी के कुछ दिनों बाद हुआ है। उन्होंने कहा था कि अगर उनके देश को खतरा हुआ तो वे आधी दुनिया को ध्वस्त कर देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत सिंधु नदी के पानी को रोकने के लिए बांध बनाता है, तो पाकिस्तान मिसाइलों से उन्हें नष्ट कर देगा। अग्नि-5 मिसाइल में MIRV तकनीक है। यह एक ही मिसाइल से कई लक्ष्यों को भेद सकती है। भारत यह तकनीक रखने वाले कुछ ही देशों में शामिल हो गया है।
अग्नि-5 का परीक्षण सभी मानकों पर खरा
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण सभी मानकों पर खरा उतरा। यह स्ट्रैटजिक फोर्सेस कमांड के तहत किया गया। अग्नि-5 एक कनस्तर प्रक्षेपित मिसाइल है। इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है और लॉन्च किया जा सकता है। भारत पहले ही अग्नि सीरीज की 1 से 4 तक की मिसाइलें तैनात कर चुका है। इनकी मारक क्षमता 700 से 3,500 किलोमीटर तक है। पिछले महीने, भारत ने परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों का भी सफल परीक्षण किया था। पृथ्वी-2 लगभग 350 किलोमीटर तक मार कर सकती है और 500 किलोग्राम तक का भार ले जा सकती है।
अग्नि-5 मिसाइल कई परमाणु बम ले जाने में सक्षम
अग्नि-5 मिसाइल का यह दूसरा सफल परीक्षण है। इसमें MIRV तकनीक है। MIRV तकनीक का मतलब है कि एक मिसाइल कई परमाणु हथियार ले जा सकती है। ये हथियार अलग-अलग गति और रास्तों से जा सकते हैं।