


MP में धार्मिक शास्त्रों के साथ युवाओं को आधुनिक युग की पढ़ाई कराई जा रही है। इसी क्रम में प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय में भी छात्रों को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से रामचरितमानस की पढ़ाई करवाई जाएगी। आपको बता दें कि, यूनिवर्सिटी में इसके लिए ग्रेजुएट के लेवल का स्पेशल कोर्स डिजाइन किया जा रहा है। इस कोर्स में रामचरितमानस में दिए गए विज्ञान के सभी सिद्धांतों को शामिल किया जाएगा। दरअसल, यूनिवर्सिटी इस कोर्स के जरिए युवाओं के ज्ञान को भारतीय संस्कृति और साहित्य की वैज्ञानिकता से जोड़ना चाहती है।
कोर्स में शामिल हैं ये विषय
भोज ओपन यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के मुताबिक, रामचरितमानस के आधार पर बन रहे नए स्पेशल कोर्स में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी और पर्यावरण विज्ञान जैसे विषय शामिल होंगे। भोज विश्वविद्यालय ने तीन साल पहले ‘विज्ञान से सामाजिक उत्थान’ नाम से एक डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किया था। भोज ओपन यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के मुताबिक, रामकथा में छिपा विज्ञान अब शिक्षा का हिस्सा बनेगा। इस कोर्स में रामचरितमानस की चौपाइयों के जरिए छात्रों को विज्ञान के सिद्धांतों को समझाया जाएगा।
यूनिवर्सिटी ने उठाया बड़ा कदम
आपको बता दें कि, 3 साल पहले ही भोज यूनिवर्सिटी में ‘विज्ञान से सामाजिक उत्थान’ नाम का एक डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया था। इस डिप्लोमा कोर्स में रामचरितमानस की चौपाइयों के जरिए छात्रों को फिजिक्स, कैमिस्ट्री, बायोलॉजी और पर्यावरण विज्ञान को समझाने की कोशिश की गई थी। इस डिप्लोमा कोर्स में हर साल 50 से अधिक विद्यार्थी प्रवेश ले रहे हैं। इसलिए यूनिवर्सिटी ने अब डिप्लोमा कोर्स को बढ़ाकर ग्रेजुएट के लेवल तक के लिए फिर से डिजाइन कर रही है।