


प्रदेश के मुख्यमंत्री निवास की सुरक्षा हाईटेक कर दी गई है। अब वाहनों के प्रवेश के साथ ही उनकी बगैर किसी मानवीय हस्तक्षेप के ऑटोमैटिक स्कैनिंग होने लगी है, इसके जरिए किसी भी तरह की ज्वलनशील व विस्फोटक सामग्री को आसानी से और बहुत ही कम समय में पकड़ा जा सकेगा। सुरक्षाकर्मियों द्वारा अब तक यह जांच मैनुअली की जाती थी। इसके साथ ही सीएम निवास में कई बदलाव हुए है। मुख्य प्रवेश द्वार को अधिक सुसज्जित करने के साथ-साथ आधुनिक प्रतीक्षा कक्ष का भी निर्माण किया है। इसमें कई लोगों से सीएम मोहन यादव एक साथ मुलाकात कर सकते हैं।
ये तीन सिस्टम का रहेगा कड़ा पहरा
- व्हीकल सर्विलांस सिस्टम (यूवीएसएस):इसके जरिए वाहनों में छिपाकर ले जाने वाले विस्फोटक या ज्वलनशील पदार्थों का सेकंडों में पता लगेगा।
- ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर): यह वाहनों के नंबरों को तुरंत रीड करता है। कोई आपराधिक रिकॉर्ड जुड़े वाहनों की पहचान तुरंत होगी।
- डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर (डीएफएमडी): सीएम निवास के अंदर आगंतुकों द्वारा ले जाने वाली सामग्रियों की जांच व सामान के लिए लगाया है।
इंतजार न करना पड़े, इसलिए हाईटेक की सुरक्षा
मुख्यमंत्रीसे मुलाकात के लिए रोजाना सैंकड़ों लोग आते हैं। मैनुअली जांच के लिए कई बार इंतजार करना पड़ता है। इंतजार तब और अधिक बढ़ जाता है जब बैठक व कार्यक्रम वाला समय व दिन हो। तब आगंतुकों की संख्या अधिक रहती है और जांच-पड़ताल में समय लगता है। कितनी भी भीड़ हो तब भी सुरक्षा मापदंडों को देखते हुए बगैर सुरक्षा जांच के किसी को प्रवेश नहीं दिया जा सकता। नई तकनीक से आगंतुकों की जांच जल्द हो सकेगी