अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी है कि अगर वे अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर के बजाय किसी और मुद्रा का उपयोग करने की कोशिश करेंगे, तो उन पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। ट्रंप ने बृहस्पतिवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में कहा, "ब्रिक्स देशों को डॉलर से बाहर जाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अब ऐसे विचारों के दिन खत्म हो गए हैं।"
अमेरिकी डॉलर के स्थान पर दूसरी मुद्रा अपनाने का न करें प्रयास
ट्रंप ने यह भी कहा कि ब्रिक्स देशों को यह प्रतिबद्धता देनी चाहिए कि वे न तो कोई नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे और न ही अमेरिकी डॉलर की जगह किसी और मुद्रा को समर्थन देंगे। उन्होंने धमकी दी, "अगर ऐसा किया तो उन्हें 100 प्रतिशत शुल्क का सामना करना होगा, या फिर अमेरिकी बाजार से अलविदा लेनी होगी।" ट्रंप ने कहा, "अगर ब्रिक्स देश ऐसा करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें कोई और मूर्ख देश मिल सकता है, लेकिन अमेरिका से उनका कोई लेना-देना नहीं होगा।"
यह बयान ब्रिक्स देशों द्वारा अपनी मुद्रा बनाने के प्रयासों के खिलाफ ट्रंप का सबसे कड़ा विरोध है।
'भारत कभी भी ‘डी-डॉलराइजेशन’ के पक्ष में नहीं'
पिछले कुछ वर्षों में, रूस और चीन जैसे देशों ने अमेरिकी डॉलर के विकल्प के रूप में ब्रिक्स मुद्रा बनाने की मांग की है। हालांकि, भारत ने हमेशा डी-डॉलराइजेशन का विरोध किया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने दिसंबर में कहा था कि भारत कभी भी ‘डी-डॉलराइजेशन’ के पक्ष में नहीं है और ब्रिक्स मुद्रा बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।