


भारत में विदेशी निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत को कुल 81.04 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 14% अधिक है। सालभर पहले यानी वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान ये 71.28 अरब डॉलर था। यह बढ़त भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और वैश्विक निवेशकों के बढ़ते विश्वास को दर्शाती है।
सबसे ज्यादा विदेशी निवेश सर्विस सेक्टर में हुआ है, जिसकी कुल विदेशी निवेश में 19 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसके बाद कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर में कुल निवेश का 16 फीसदी हिस्सेदारी और फिर व्यापार में 8 प्रतिशत हिस्सा रहा।
11 वर्षों में दोगुने से ज्यादा FDI
मंत्रालय ने बताया कि वित्त वर्ष 2014-25 के दौरान भारत में कुल 748.78 अरब डॉलर का FDI आया, जो कि पिछले 11 वर्षों (2003-14) की तुलना में 143% अधिक है। उस अवधि में यह आंकड़ा 308.38 अरब डॉलर था। FDI में इस बढ़त की मुख्य वजह नीतिगत सुधार, 100% FDI की मंजूरी वाले क्षेत्रों में विस्तार और निवेशक-अनुकूल माहौल रही है।
मैन्युफैक्चरिंग बना निवेश का हब
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में FDI तेजी से बढ़ा है। FY2023-24 में जहां इसमें 16.12 अरब डॉलर का निवेश हुआ था, वहीं FY2024-25 में यह बढ़कर 19.04 अरब डॉलर हो गया यानी 18% की वृद्धि। भारत अब वैश्विक विनिर्माण निवेश का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है।