


जब वैश्विक स्तर पर आर्थिक अनिश्चितता हो, युद्धों की आशंका बनी रहे और करेंसी मार्केट में उतार-चढ़ाव सामान्य हो जाए, तो एक ही संपत्ति होती है जिस पर सरकारें और निवेशक भरोसा करते हैं—सोना। यही वजह है कि आज के दौर में सिर्फ आम नागरिक ही नहीं, बल्कि देश की सरकारें भी अपने गोल्ड रिजर्व को लगातार बढ़ा रही हैं। हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें भारत के गोल्ड होल्डिंग्स को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है।
भारत का गोल्ड रिजर्व अब 879.58 टन
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक भारत का कुल स्वर्ण भंडार 879.58 टन हो गया है। यह आंकड़ा पिछले वर्ष के मुकाबले 57.58 टन अधिक है। इतना ही नहीं, इस सोने की वित्तीय वैल्यू में 57% की जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो इस बात का संकेत है कि सोने को लेकर भारत का भरोसा और निवेश दोनों बढ़े हैं।
चीन और अमेरिका की गोल्ड होल्डिंग
अमेरिका, गोल्ड रिजर्व की रेस में सबसे आगे है। उसके पास कुल 8,133.5 टन सोना है, जिससे वह इस सूची में अव्वल बना हुआ है।फरवरी 2025 में चीन की सेंट्रल बैंक PBoC ने 5 टन सोना खरीदा। यह लगातार चौथा महीना रहा जब चीन ने सोने का भंडार बढ़ाया। फिलहाल चीन के पास 2,290 टन से ज्यादा सोना है, जो उसके कुल विदेशी मुद्रा भंडार का लगभग 6% है।