


लंबे समय से टलता आ रहा बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव लगता है कि एक बार फिर लटक रहा है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ही घोषणा की है कि उपराष्ट्रपति पद का चुनाव 9 सितंबर को होगा। इसकी आवश्यकता पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिए जाने की वजह से आई है। कुछ रिपोर्ट के अनुसार पार्टी ने अब इस चुनाव के संपन्न होने तक अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। पहले संभावना थी कि बिहार चुनाव को देखते हुए संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ही या इसके तुरंत बाद सत्ताधारी दल को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल सकता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव तक लटका अध्यक्ष का चुनाव!
एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी यह फैसला कर सकती है कि वह उपराष्ट्रपति चुनाव होने तक अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम की घोषणा नहीं करेगी। रिपोर्ट में बीजेपी के वरिष्ठ सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले से ही टलते आ रहे मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के उत्तराधिकारी को चुनने का फैसला पार्टी का शीर्ष नेतृ्त्व सितंबर तक टालने का विचार कर रहा है। हालांकि, पार्टी के एक विश्वस्त सूत्र के हवाले से यह भी दावा किया गया है कि नड्डा की जगह पार्टी को उनका उत्तराधिकारी बिहार चुनाव से पहले ही मिलने की उम्मीद है।
राज्यसभा में मजबूत हुआ बीजेपी का संख्या गणित
बीजेपी के लिए उपराष्ट्रपति चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण हो चुका है। हालांकि, सरकार के पास राज्यसभा में भी पूर्ण बहुमत है, लेकिन वहां पर वह ऐसे व्यक्ति को सभापति के रूप में देखना चाहेगी, जो सदन में इसके लिए रास्ता सुगम बनाए रख सके। अलबत्ता पार्टी को एक अच्छी खबर ये मिली है कि उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले राज्यसभा के तीन मनोनीत सदस्यों ने बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली है। इसकी वजह से अब उच्च सदन में बीजेपी के अपने सांसदों की संख्या बढ़कर 102 हो गई है।