


पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत पिछले कुछ समय से अलगाववादी समूहों की हिंसा के चलते सुर्खियों मेंरहा है। लेकिन इसी बलूचिस्तान में हिंदुओं की आस्था का केंद्र एक प्रसिद्ध सिद्ध पीठ भी मौजूद है। बलूचिस्तान की तपती वादियों में मौजूद हिंगलाज देवी मंदिर वह जगह है जहां पाकिस्तान का सबसे बड़ा सालाना हिंदू उत्सव मनाया जाता है। यह आमतौर पर अप्रैल के मध्य में होता है। पाकिस्तान में रहने वाले हिंदू अल्पसंख्यक यहां आने के लिए ऊबड़-खाबड़ इलाकों से होते हुए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं।
हिंदू आस्था का प्रतीक हिंगलाज मंदिर
हिंगलाज मंदिर की तीर्थयात्रा पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यकों की आस्था का प्रतीक है। पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी लगभग 40 लाख है, जो देश की कुल जनसंख्या का महज 2 प्रतिशत हैं। हिंदुओं को पाकिस्तान में अक्सर दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है। उनके साथ आवास, नौकरी और सरकारी कल्याण कार्यों में भेदभाव किया जाता है। हिंदू लड़कियों के अपहरण और उन्हें जबरन धर्मांतरण की खबरें आये दिन आती रहती हैं। ऐसे माहौल में भी हिंदू अपनी आस्था को बचाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
पाकिस्तानी हिंदुओं के लिए यात्रा का महत्व
कई लोगों को लिए हिंगलाज देवी की तीर्थयात्रा का महत्व इस्लाम में हज के बराबर है। भारत के हिंदुओं में भी इस यात्रा को करने की इच्छा बहुत ज्यादा है, लेकिन भारतीयों के लिए पाकिस्तान की यात्रा करने के लिए वीजा हासिल करना मुश्किल है। पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों में हिंगलाज देवी से गहरा आध्यात्मिक संबंध है।