


कांग्रेस ने शनिवार को MP के लिए 71 जिलाध्यक्षों की सूची जारी कर दी। सूची में 10 एससी-8 एसटी और 11 ओबीसी को अहम दायित्व दिया गया है। प्रदेश में 3 अल्पसंख्यकों और 4 महिलाओं को भी जिलाध्यक्षों का जिम्मा दिया है। करीब 50 प्रतिशत आरक्षित वर्ग को जिलाध्यक्ष की सूची में जगह दी है। इसके बाद भी सूची पर जमकर बवाल मच रहा है। कई जिलाध्यक्षों का खुलकर विरोध किया जा रहा है। रीवा जिले के एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने मुस्लिमों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए पार्टी से त्यागपत्र दे दिया है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी पर निशाना साधा जा रहा है जिससे पार्टी में खलबली मच गई है।
मध्यप्रदेश में सन 2028 में होनेवाले विधानसभा चुनावों में जीत हासिल कर कांग्रेस हर हाल में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस ने चुनाव में पूरे दमखम से उतरने का इरादा जताया है। विधानसभा चुनाव के 3 साल पहले पार्टी ने जिलाध्यक्षों की घोषणा कर उन्हें अहम जिम्मेदारी दी है।
एमपी कांग्रेस के 6 मौजूदा और 11 पूर्व विधायकों को जिलाध्यक्ष बनाया गया है। 21 पुराने चेहरों पर फिर से दांव लगाया है। प्रदेश में तीन पूर्व मंत्रियों ओमकार सिंह मरकाम, प्रियव्रत सिंह और जयवर्धन सिंह को भी जिला अध्यक्ष बनाया है।