


इजरायल और ईरान में जारी जंग के बीच फ्रांस के राफेल लड़ाकू विमान को लेकर बड़ी खबर आ रही है। ईरानी मीडिया आउटलेट पर्शियन न्यूज की रिपोर्टके अनुसार, फ्रांस आने वाले दिनों में अपने एडवांस राफेल लड़ाकू विमानों को मध्य पूर्व में तैनात करने जा रहा है। इससे राफेल का संचालन अमेरिका और इजरायल के साथ जुड़ जाएगा। यह कदम राफेल में रणनीतिक भरोसे को दिखाता है। अपनी दुर्जेय क्षमताओं के चलते रैप्टर किलर कहे जाने वाले राफेल फाइटर जेट का इस्तेमाल भारतीय वायु सेना भी करती है।
चीन और पाकिस्तान का प्रोपेगैंडा नाकाम
राफेल की मध्य पूर्व में तैनाती इस क्षेत्र में फ्रांस के गहरे मिलिट्री कोऑर्डिनेशन को दिखाती है। यह घोषणा राफेट जेट के पाकिस्तान में अभियान के दौरान जुड़ी अटकलों को भी खारिज करती है, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने इसे गिराने का झूठा दावा किया था। अमेरिका और इजरायल के साथ तैनाती इस बात का साफ संकेत है कि फ्रांस का राफेल संचालन पश्चिमी सहयोगियों के साथ मजबूती से जुड़ा हुआ है, जो इससे जुड़ी अफवाहों को दूर करता है। इन अफवाहों को फैलाने में पाकिस्तान के साथ ही चीन भी लगा हुआ था।
राफेल की ताकत की दुनिया मुरीद
संयुक्त अभियान में राफेल का शामिल होना अमेरिका समेत शीर्ष सैन्य शक्तियों के बीच इसकी विश्वसनीयता को दिखाता है। अपनी मल्टीरोल और एडवांस लड़ाकू प्रणालियों के लिए जाना जाने वाला राफेल उच्च क्षमता वाले मिशनों में एक विश्वसनीय संपत्ति शामिल हो रहा है।