


किरायेदार और मकान मालिक दोनों को सुरक्षित करने के लिए सरकार मॉडल किराएदारी बिल (Model Tenancy Bill) लागू करने जा रही है। बिल को अंतिम रूप देने के लिए नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने फिर कवायद शुरू की है। विभाग ने संचालनालय से प्रदेश में बनाए बिल के ड्राफ्ट, लागू कानून और केंद्र के मॉडल किराएदारी एक्ट की तुलनात्मक रिपोर्ट मांगी है। नए कानून के ड्राफ्ट में किराएदार और मकान मालिक दोनों के हितों की रक्षा की व्यवस्था है। मकान पर कब्जा होने से रोकने के प्रावधान हैं। एग्रीमेंट खत्म होने पर किराएदार के मकान खाली न करने पर उसे पहले दो माह में दोगुना और तीसरे महीने से चार गुना किराया देना होगा। मकान भी प्रशासन खाली कराएगा। किराएदार की सुरक्षा के लिए मालिक द्वारा घर का नल कनेक्शन, गैस सप्लाई, मार्ग, लिफ्ट, सीढिय़ां, पार्किंग आदि बंद करने पाबंदी लगाई गई है।
नगरीय विकास विभाग मॉडल किराएदारी बिल को दे रहा अंतिम रूप
नगरीय विकास विभाग मॉडल किराएदारी बिल को अंतिम रूप देने के लिए बैठकें कर रहा है। अफसरों का कहना है, बिल जल्द वरिष्ठ सचिव समिति के पास भेजा जाएगा। वहां से अनुमति के बाद कैबिनेट में पेश होगा। बता दें, अभी प्रदेश में किराएदारी अधिनियम 2010 लागू है। यह सिर्फ शहरी क्षेत्रों तक सीमित है। नया एक्ट ग्रामीण-शहरी, व्यावसायिक सभी प्रॉपर्टी पर लागू होगा। शासकीय, धार्मिक संस्थान, ट्रस्ट या वक्फ बोर्ड के अधीन परिसरों पर लागू नहीं होगा।