


व्हाट्सऐप चलाने वाले करोड़ों यूजर्स के लिए ऐप में कई एडवांस सेफ्टी फीचर्स मिलते हैं, लेकिन आज ज़रा खुद से ये सवाल पूछकर देखिए कि क्या आपको ऐप में मिलने वाले फीचर्स के बारे में सही जानकारी है? लोगों की सेफ्टी के लिए व्हाटसऐप में एक-दो नहीं बल्कि कई काम के फीचर्स दिए गए हैं, आज हम आपको इस बात की विस्तार से जानकारी देने वाले हैं कि ऐप में कौन-कौन से सेफ्टी फीचर्स आपको मिलते हैं और ये फीचर्स किस तरह से आप लोगों की मदद करते हैं? WhatsApp में कुछ महीनों पहले आया नीला गोला उर्फ Meta AI को कैसे यूज करना है, इस बात का जवाब तो बहुत से लोग जानते हैं लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि आपके अकाउंट की रक्षा ये नीला गोला नहीं बल्कि ऐप में मिलने वाले सेफ्टी फीचर्स करेंगे।
टू-स्टेप वेरिफिकेशन
ज्यादातर ऐप्स में टू स्टेप वेरिफिकेशन की सुविधा आ गई है लेकिन ये फीचर करता क्या है? यहां पहले ये समझने की जरूरत है, ये फीचर अकाउंट पर सेफ्टी की एक एक्स्ट्रा लेयर को बनाता है जिससे अकाउंट ज्यादा सेफ हो जाता है. इस फीचर को ऑन करते वक्त 6 अंक वाला पिन बनाना पड़ता है। ये पिन उस वक्त काम आता है जब कोई भी व्यक्ति आप लोगों का फोन नंबर डालकर दूसरे डिवाइस में व्हाट्सऐप चलाने की कोशिश करता है। उस वक्त 6 अंकों वाले पिन की जरूरत पड़ती है।
व्हाट्सऐप में कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल करते हैं तो आपको ये जानकार हैरानी होगी कि कॉल के दौरान कोई भी व्यक्ति आपकी लोकेशन का पता लगा सकता है। लोकेशन ट्रैकिंग को रोकने के लिए ऐप में एक काम का फीचर मिलता है जिसका नाम है प्रोटेक्ट आईपी एड्रेस इन कॉल्स। इस फीचर को ऑन करने के बाद सारी कॉल्स ऐप के सर्वर के जरिए जाएंगी जिससे आपकी लोकेशन का पता लगाना बहुत ही मुश्किल हो जाएगा। इस फीचर को ऑन करने के लिए व्हाट्सऐप की सेटिंग्स में प्राइवेसी टैब में जाएं।
Group सेटिंग में बदलाव
एक दौर था जब कोई भी ग्रुप में जोड़ देता था जिससे उस ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों के पास आपका नंबर चला जाता था। लेकिन यूजर्स की सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए ऐप में एक काम का सेफ्टी फीचर जोड़ा गया, ऐप की सेटिंग्स में प्राइवेसी सेक्शन में ग्रुप्स ऑप्शन में जाकर आप सेटिंग्स में बदलाव कर सकते हैं। सेटिंग्स में बदलाव के बाद कोई भी अनजान व्यक्ति आपको चाहकर भी ग्रुप में जोड़ नहीं पाएगा।