


केंद्रीय आयुष मंत्रालय और नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) ने मप्र के 18 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों को मान्यता दे दी। इनमें भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, इंदौर और बुरहानपुर के 7 शासकीय और 11 निजी आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। सबसे ज्यादा आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता मिलने के मामले में एमपी देश का दूसरा राज्य है। प्रदेश के 16 अन्य कॉलेज सहित देशभर के 482 आयुर्वेद कॉलेजों को मान्यता दिए जाने का अभी निर्णय नहीं हो पाया है।
नीट के आधार पर दाखिले
आयुष मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. राकेश पाण्डेय ने बताया कि एमपी सहित देश के सभी आयुर्वेद कॉलेजों में प्रवेश नीट 2025-26 के परिणामों के आधार पर होंगे। एमपी में यूजी की लगभग 3000 सीटों सहित देशभर के 598 आयुर्वेद मेडिकल कॉलेजों में 42 हजार से अधिक सीटें हैं। आयुष मेडिकल एसोसिएशन ने केंद्रीय आयुष मंत्रालय और एनसीआइएसएम से शेष कॉलेजों की मान्यता पर निर्णय लेने की अपील की है।