चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की समय सीमा सात दिन बढ़ा दी है। आज रविवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब यह प्रक्रिया 11 दिसंबर तक चलेगी। पहले यह तय था कि वोटरों के एन्यूमरेशन फॉर्म जमा करने और उन्हें डिजिटाइज करने का काम 4 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा। पोलिंग स्टेशनों को ठीक करने या उन्हें दोबारा व्यवस्थित करने की अंतिम तारीख भी 11 दिसंबर ही रखी गई है।
पुराने शेड्यूल के अनुसार ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल का प्रकाशन 9 दिसंबर को होना था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 16 दिसंबर कर दिया गया है। नए कार्यक्रम के अनुसार दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 16 दिसंबर 2025 से 15 जनवरी 2026 तक रहेगी। इस दौरान लोग अपने नाम जुड़वाने, संशोधन या त्रुटियों के सुधार के लिए आवेदन कर सकेंगे।
नोटिस फेज, जिसमें एन्यूमरेशन फॉर्म जारी करना, सुनवाई, वेरिफिकेशन और उन पर फैसला शामिल है, 16 दिसंबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक चलेगा। इस दौरान इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ERO) द्वारा दावों और आपत्तियों का निपटारा भी किया जाएगा। चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि वोटर रोल के हेल्थ पैरामीटर्स की जांच और फाइनल पब्लिकेशन के लिए आयोग की अनुमति लेने की आखिरी तारीख 10 फरवरी 2026 तय की गई है।
वहीं मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन की नई तारीख 14 फरवरी 2026 है, जबकि पहले यह तारीख 7 फरवरी निर्धारित की गई थी। शुरुआत से ही विपक्षी पार्टियां आरोप लगा रही थीं कि चुनाव आयोग जल्दबाजी में SIR करा रहा है।